मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने शनिवार को मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की आलोचना की. उन्होंने कहा कि पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उनकी पार्टी PNC ने भारत को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था लेकिन अब भारत के साथ वो समझौतों को आगे बढ़ा रहे हैं. दरअसल, मुइज्जू पिछले हफ्ते ही भारत के पांच दिवसीय दौरे से लौटे हैं. इस दौरान उन्होंने वित्तीय सहायता और संकट के समय में उसके समर्थन के लिए भारत की सराहना की थी.
बता दें कि चीन का समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने नवंबर में सत्ता संभाली थी और भारत के खिलाफ कई विवादित बयान दिए थे. शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बाद ही उन्होंने भारत से कहा था कि वह मालदीव में तैनात अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाए. मुइज्जू ने मालदीव में चल रही भारत की परियोजनाओं का भी विरोध किया था.
क्या बोले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति
सोलिह ने मुइज्जू की आलोचना करते हुए कहा, ‘मुइज्जू ने अब उन कई मालदीव-भारत पहलों का समर्थन किया है, जिनका उनकी पार्टी PNC पहले विरोध करती थी. इनमें उथुरु थिला फाल्हू (UTF) सैन्य अड्डे पर बंदरगाह और डॉकयार्ड के विकास, हनिमाधू हवाई अड्डे का विस्तार, और दक्षिण मालदीव के अड्डू शहर में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की योजना शामिल है.’
सोलिह ने कहा, ‘उन्होंने हमारे पड़ोसी देशों के बारे में क्या नहीं कहा? क्या अपमानजनक बातें नहीं की? इसने हमारे देश और लोगों को जो नुकसान पहुंचाया, उसका कोई मोल नहीं है.’ सोलिह ने कहा कि PNC ने अड्डू में भारतीय वाणिज्य दूतावास के निर्माण के खिलाफ भी आपत्ति जताई थी, इसे भारतीय विदेशी खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का एक जासूसी केंद्र बताया था. लेकिन अब वो खुद अपने बयान से पलट रहे हैं.
बता दें, मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद भारत-मालदीव के रिश्ते में खटास आ गई थी. मुइज्जू ने भारत को लेकर कई विवादित बयान दिए थे. वहीं, उनकी मंत्री ने भी पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय लोगों को लेकर अपमानजनक बातें कही थीं. इसके बाद सोशल मीडिया पर मालदीव को लेकर नाराजगी जाहिर की गई थी. भारतीयों ने मालदीव के बहिष्कार की मांग उठाई थी. वहीं, मालदीव की विपक्षी पार्टियों ने भी मुइज्जू सरकार पर हमला बोला था.