Left Banner
Right Banner

सुपौल में 578 किलोमीटर लंबे 6-लेन को मिल गई मंजूरी, खुलेगा विकास का नया द्वार…

सुपौल: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक बनने वाले 568 किलोमीटर लंबे सिक्सलेन गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद कोसी इलाके के लोगों में उत्साह की लहर दौड़ गई है.

यह एक्सप्रेस वे भारत माला परियोजना के तहत स्वीकृत है और नेपाल-भारत सीमा के समानांतर बनाया जाएगा. इसके निर्माण पर लगभग 37,500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

जिलाधिकारी सावन कुमार ने निर्मली प्रखंड के डगमारा से लेकर राघोपुर प्रखंड के मोतीपुर तक पहुंचकर एक्सप्रेस वे से जुड़ी जमीन की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान उनके साथ जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, सरायगढ़ भपटियाही और राघोपुर के अंचलाधिकारी भी मौजूद थे.

इस परियोजना के तहत कोसी नदी पर एक और महासेतु का निर्माण किया जाएगा

वर्तमान में कोसी पर नेशनल हाईवे 57 (अब एनएच 27) का महासेतु मौजूद है और बकौर भेजा में दूसरा महासेतु बन रहा है. अब डगमारा से बैसा गांव के बीच एक और महासेतु का निर्माण होगा, जिससे क्षेत्र का भूगोल पूरी तरह बदल जाएगा और भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र देश के मुख्य मानचित्र से मजबूत तरीके से जुड़ जाएगा.

भपटियाही पंचायत मुखिया विजय कुमार यादव ने कहा कि पहले नेशनल हाईवे 27 के बनने से इलाके में काफी बदलाव आया। रोजगार के अवसर बढ़े, परिवहन आसान हुआ और व्यापार को नई गति मिली. अब जब एक्सप्रेस वे बनेगा तो और ज्यादा रोजगार के अवसर मिलेंगे. युवा उद्यमी पप्पू कुमार ने कहा कि यह एक्सप्रेस वे इलाके का भूगोल बदलकर रख देगा.

इसके बनने से देश की सुरक्षा के साथ-साथ विकास के नए अवसर पैदा होंगे. यह सरकार की बहुत बड़ी परियोजना है, जिसका लाभ आम जनता को मिलेगा. पूर्व मुखिया सुरेश प्रसाद सिंह ने अपनी राय रखते हुए कहा कि यदि महासेतु के पास से वर्तमान रोड महासेतु तक कोसी को चैनल बनाकर बांध दिया जाए तो हजारों एकड़ जमीन उपजाऊ हो जाएगी. यह एक्सप्रेसवे कोसी क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा.

Advertisements
Advertisement