फतेहपुर: जिले के आईटीआई रोड वर्मा चौराहा के पास स्थित श्री बालाजी हॉस्पिटल के डॉ. अनिल चन्द्रा ने इलाज के लिए गई महिला मरीज के परिजनों से अभद्रता किया, डॉक्टर सहित उसके चेलों ने पेशेंट को धमकाया. जानकारी के मुताबिक, फतेहपुर जिले के हुसैनगण थाना क्षेत्र के पतरिया मजरे फरसी गांव के एक महिला की एक्सीडेंट में हड्डी क्रैक होने पर सुबह 10 मरीज को लेकर जांच करने के बाद डॉक्टर अनिल चंद्रा ने ऑपरेशन करने की सलाह दी. जिस पर मरीज के परिजनों ने ऑपरेशन के पैसे जमा कर दिए.
लेकिन 3 घंटे बाद भी जब डॉक्टर ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल नहीं आया और मरीज की हालत गंभीर हो गई तो परिजन घबराने लगे और मरीज को दूसरी जगह भर्ती करने के लिए जांच और फाइल मांगने लगे. जिस पर डॉक्टर अनिल चंद्रा के चमचे भड़क गए और पेशेंट सहित उसके परिजनों पर आग बबूला हो गए. इस बर्ताव से नाखुश परिजनों ने पुलिस को फोन कर मौके पर बुला लिया और पुलिस के आने की जानकारी मिलते ही डॉक्टर अनिल चंद्र जो 3 घंटे से लापता थे, भागते हुए अस्पताल आ गया और बोला ऑपरेशन तो कर दूंगा मैं लेकिन पैसा वापस नहीं करूंगा.
भाग जाइये मेरे हॉस्पिटल से लेकिन तीमारदार ने कहा- अब दूसरी जगह वह इलाज करना चाहते हैं. उनके ऑपरेशन का पैसा वापस कर दिया जाए, डॉक्टर के कान खड़े हुए और डॉक्टर अनिल चंद्रा ने पैसे वापस करने में आनाकानी की तो मौके पर पहुंची पुलिस ने पैसे वापस करने की बात कही. ऑपरेशन के लिए जमा ₹23000 में ₹8000 ही पेशेंट को वापस करने को तैयार हुआ. इस दौरान पुलिस के सामने भी डॉक्टर अनिल चंद्र अपनी तानाशाही करता रहा. गांव से आए हुए गरीब पेशेंट ने मिले हुए 8000 रुपए लेकर दूसरे हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गया.
प्राइवेट हॉस्पिटलों के इस तरह गरीब मरीजों के साथ की जा रही अभद्रता और उनके शोषण को लेकर जिले के मुखिया CMO सहित ACMO को भी फोन लगाकर तीमारदारों ने मामले की जानकारी दी. लेकिन लापरवाह विभाग के अधिकारी इस मामले पर पीड़ित की कोई भी मदद करने नहीं पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग के इस लापरवाही से प्राइवेट हॉस्पिटलों के मन बड़े हुए हैं और मनमानी इलाज के नाम पर पैसा वसूलने में लगे हुए हैं. कहीं ना कहीं प्राइवेट हॉस्पिटलों से सरकारी तंत्र को बड़ा लाभ पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है. जिसके कारण मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी प्राइवेट हॉस्पिटलों पर मेहरबानी बना रखी है.