सस्ती हो जाएगी अरहर दाल, सरकार ने खरीद डाली 3.40 लाख टन तुअर

केंद्र सरकार ने देश में अरहर दाल के दामों को कंट्रोल करने के लिए बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत इस साल अब तक 3,40,000 टन तुअर (अरहर) की खरीद की है. इससे आने वाले समय में अरहर के दाम कम हो सकती है. कृषि मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है. सरकार ने पीएसएस के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुअर की दाल खरीदी है. मंत्रालय ने नौ राज्यों से 13.22 लाख टन तुअर की खरीद को मंजूरी दी है.

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सरकार का लक्ष्य कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से खुले बाजार में जारी करने के लिए 10 लाख टन तुअर दाल का भंडार (बफर स्टॉक) बनाए रखना है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 13 अप्रैल तक तुअर की खरीद 3,40,000 टन तक पहुंच गई है. कर्नाटक से सर्वाधिक 1,30,000 टन की खरीद की गई, जहां किसानों को 7,550 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी के ऊपर 450 रुपये प्रति क्विंटल का राज्य बोनस मिल रहा है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से खरीद की गई.

सरकार ने तेलंगाना और मध्य प्रदेश से 17,000 टन चना भी खरीदा है. 27 लाख टन चना खरीद की मंजूरी के बावजूद खरीद धीमी बनी हुई है. क्योंकि 10 प्रतिशत आयात मूल शुल्क लगाए जाने के बाद घरेलू कीमतें 5,650 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से अधिक हो गई हैं. मसूर की खरीद 13 अप्रैल तक 28,700 टन और मूंग की खरीद 3,000 टन तक पहुंच गई है. पीएसएस तब लागू होता है जब कुछ कृषि वस्तुओं के बाजार मूल्य एमएसपी से नीचे गिर जाते हैं.

केंद्रीय एजेंसियां खरीदेंगी दाल

सरकार ने 2024-25 के बजट में दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 2028-29 तक राज्य में जिस हिसाब से अरहर, मसूर और उड़द की दाल उगाई जाएगी. उस हिसाब से केंद्रीय एजेंसियां दाल को खरीदेंगी. हाल के वर्षों में घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी के बावजूद भारत घरेलू दालों की आपूर्ति में कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है.

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