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आरिफ आम वाला, निसार फल वाले… कांवड़ यात्रा के पहले मुजफ्फरनगर में पुलिस ने ठेले पर टंगवाए दुकानदारों के नाम

22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर में खाने-पीने और फल की दुकानें लगाने वाले दुकानदारों ने अपने-अपने नाम लिखकर टांग लिए हैं. पुलिस ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को निर्देश दिया था कि वो अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वालों का नाम जरूर लिखें, जिससे कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन न हो.

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मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा का करीब 240 किलोमीटर का रूट पड़ता है. इसलिए यह महत्वपूर्ण जिला है. यहां पुलिस के निर्देश के बाद दुकानों ने अपने-अपने नाम के साथ किस चीज की दुकान है, उसका नाम लिखकर पोस्टर लगा लिए हैं. किसी ने अपने ठेले पर आरिफ आम वाला तो किसी ने निसार फल वाला की पर्ची लिखकर टांग ली है.

जिला प्रशासन द्वारा इस बार कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए एक नया आदेश जारी किया गया था, जिसके चलते इस बार कावड़ यात्रा में खानपान की दुकान होटल ढाबे, ठेले आदि जहां से भी शिवभक्त कांवड़िए खाद्य सामग्री खरीद सकते हों, उन सभी को निर्देशित किया गया था कि वह अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वाले के नाम को जरूर लिखें. प्रशासन के ये निर्देश अब धरातल पर भी दिखाई देने लगा है, जिसके चलते फलों का ठेला लगाने वाले अब अपने ठेलों पर अपने-अपने नाम के पोस्टर भी लगाए हुए दिखाई दे रहे हैं.

जिले के एसएसपी ने क्या बताया?

मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा था कि हमारे जिले में 240 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग है तो इसमें जितनी भी खाने-पीने की दुकानें हैं. चाहे वो होटल, ढाबे या ठेले हैं. जहां से भी कांवड़ियां अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं, उन सबको निर्देश दिए गए हैं कि अपने प्रोपराइटर या काम करने वालों के नाम जरूर लिखें. यह इसलिए जरूरी है ताकि किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी भी कावड़िया के अंदर ना रहे और ऐसी स्थिति न बने, जिससे कहीं कोई आरोप-प्रत्यारोप हो और बाद में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो. ऐसा निर्देश दिया गया है और सब इसका सुरक्षा से पालन कर रहे हैं.

प्रशासन के निर्देश पर औवैसी का रिएक्शन

वहीं एसएसपी के इस निर्देश को लेकर AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया भी आई है. उन्होंने ‘X’ पर लिखा, ” उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले. इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम ‘Judenboycott’ था.”

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