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95000 कमांडो, चप्पे-चप्पे पर फोर्स… जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए सेना ने कसी कमर, हर बूथ पर होगी हाई सेक्योरिटी

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में होने वाले विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. कुल तीन चरणों मे चुनाव होंगे. चुनाव आयोग के आदेश पर सुरक्षा एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में बड़े सुरक्षा के इंतजाम कर रही हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, करीब 95000 से ज्यादा अर्ध-सैनिक बल प्रदेश में तैनात किए जा रहे हैं. अर्ध-सैनिक बलों की करीब 500 कंपनियां कश्मीर रीजन में तैनात होंगी. इसके अलावा, 450 कंपनियां जम्मू रीजन में तैनात की जाएंगी.

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इलेक्शन कमीशन ने MHA के सहयोग से जम्मू कश्मीर में निष्पक्ष और शान्तिपूर्वक चुनाव करवाने के लिए विशेष रणनीति बनाई है.

आतंकी घटनाओं के मद्देनजर चुनाव आयोग के निर्देश पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों ने फुलप्रूफ सिक्योरिटी के इंतजाम किये हैं. इसमें करीब 95 हजार के जवानों की तैनाती जम्मू और कश्मीर दोनों रीजन में होगी. इस के साथ ही, इलाके में पहले से तैनात किए गए अर्ध-सैनिक बलों की कंपनियों को रोका जाएगा. बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान इलाके में अतिरिक्त बल तैनात किए गए थे. इसके साथ ही करीब 450 से ज्यादा अतिरिक्त कंपनियों को बाहर से जम्मू-कश्मीर में चुनाव के दौरान सुरक्षा के लिए फेज के मुताबिक भेजा जाएगा.

कई मायनों में ऐतिहासिक है विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में 6 साल के बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. चुनाव आयोग के ऐलान के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. प्रदेश का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि ये पिछले पांच साल में कई बदलाव हुए हैं. इनमें सबसे अहम 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 का निरस्त होना है.

जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो रही हैं. क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) कश्मीर और जम्मू इलाकों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेंगी? हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में, NC ने घाटी की तीन में से दो सीटों पर जीत हासिल की, जबकि बीजेपी ने जम्मू की दोनों सीटों पर कब्जा किया. अगर विधानसभा चुनावों में भी यही वोटिंग पैटर्न दोहराया जाता है, तो यह केंद्र शासित प्रदेश के भविष्य के राजनीतिक परिदृश्य को आकार दे सकता है.

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