इंदौर में अवैध बांग्लादेशियों पर सेना की खुफिया एजेंसी भी हुई सतर्क, इंदौर एसआईटी से मांगी जानकारी

छद्म नाम से भारत में बसे बांग्लादेशी घुसपैठियों की आर्मी इंटेलिजेंस ने भी जांच शुरू कर दी है। इंटेलिजेंस ने एसआईटी अफसरों से संपर्क कर जानकारी मांगी है। एसआईटी ने इंदौर में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को पता लगाया था। जांच में खुलासा हुआ था कि वर्षों पूर्व घुसपैठ कर भारत आए इन बांग्लादेशियों ने न केवल भारत की नागरिकता हासिल कर ली, आधार और वोटर कार्ड बनवा लिए, बल्कि एक आरोपी तो सेना में भी शामिल हो गया।

पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के पुलिस आयुक्त और आईजी को इस संबंध में पत्र लिखा है। डीसीपी(आसूचना) डॉ. हंसराज सिंह ने 23 जुलाई को पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन कर एसीपी जगदीश पाटिल को फ्लाइट से पश्चिम बंगाल भेजा था। पुलिस मुख्यालय ने 58 संदेही लोगों की सूची सौंपी थी। जांच में सौरभ दास के बारे में पता चला कि उसका कनेक्शन बांग्लादेश से है। उसके पिता घुसपैठ कर भारत आए थे।

वह पश्चिम बंगाल के काकद्वीप में रेलवे पटरी किनारे रहते हैं। मामा समर और प्रणव के भी बांग्लादेशी होने का शक है। सौरभ ने बांग्लादेशी युवती से विवाह किया है। सौरभ की बहन प्रभा का एक बेटा सेना में है। उधर पीएचक्यू ने भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, शाजापुर में भी एसआईटी गठित कर संदेहियों की जांच के लिए बिहार और असम में टीमें भेजी हैं।

अपहरण के केस में शामिल है बांग्लादेशी महिला

एडीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक, हीरानगर पुलिस ने संदिग्ध बांग्लादेशी महिलाओं को नजरबंद किया है। उनके बारे में टीआई पीएल शर्मा ने बताया कि चार वर्ष पूर्व अपहरण के आरोप में गिरफ्तारी हुई है। जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें पुन: हिरासत में लिया गया था। केस का निराकरण होने तक हिरासत में रखा जाएगा। इसके बाद दोनों को वापस भेजा जाएगा।

Advertisements
Advertisement