संगम नगरी प्रयागराज को एक बड़ी सौगात मिली है. यहां नवाबगंज स्थित ऐक्सेस इंटरनेशनल स्कूल को सैनिक स्कूल के रूप में मान्यता प्रदान की गई है. रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल सोसाइटी, नई दिल्ली ने इसे संचालन की अनुमति दी है.
खास बात यह है कि यह स्कूल पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलेगा. इससे पहले यूपी में तीन सैनिक स्कूल इस मॉडल पर खुल चुके हैं, लेकिन पूर्वांचल में यह पहला सैनिक स्कूल होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में पीपीपी मॉडल के तहत 100 सैनिक स्कूल खोलने का निर्णय लिया था. उसी क्रम में प्रयागराज को भी यह सौगात प्राप्त हुई है.
जनवरी 2026 से शुरू होंगे एडमिशन
मंजूरी मिलने के बाद जनवरी 2026 से कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी. दोनों कक्षाओं में 80-80 सीटें निर्धारित की गई हैं. इनमें 60 प्रतिशत सीटें सैनिक स्कूल सोसाइटी की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा से और 40 प्रतिशत सीटें प्रबंधन कोटे से भरी जाएंगी.
संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रयागराज, आर.एन. विश्वकर्मा ने कहा कि यह संस्थान युवाओं को सेना में जाने का सपना पूरा करने का अवसर देगा. उन्होंने इसको सेना में जाने वाले युवाओं के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया है.
अनुशासन संस्कार और देशभावना की भक्ति भी विकसित की जाएगी
प्रयागराज के जिला विद्यालय निरीक्षक पी.एन. सिंह ने कहा कि सैनिक स्कूल बच्चों के लिए एक अनमोल तोहफा साबित होगा. यहां न केवल पढ़ाई होगी बल्कि विद्यार्थियों में अनुशासन, संस्कार और देशभक्ति की भावना भी विकसित की जाएगी.
यह स्कूल को-एजुकेशन मोड में चलेगा, यानी लड़के और लड़कियां दोनों यहां पढ़ाई कर सकेंगे. साथ ही, सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत शिक्षा दी जाएगी और सभी नियम रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल सोसाइटी के अनुसार लागू होंगे.
स्कूल के संस्थापक का सपना साकार
विद्यालय के संस्थापक योगेंद्र वैश्य ने बताया कि 2021 में स्थापित ऐक्सेस इंटरनेशनल स्कूल को सैनिक स्कूल की मान्यता मिलना उनके लिए सपनों के पूरे होने जैसा है. उन्होंने कहा कि कैंपस 10 एकड़ में फैला है और यहां आधुनिक शिक्षा के साथ खेलकूद की बेहतरीन सुविधाएं भी मौजूद हैं. इंडोर-आउटडोर गेम्स, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, डिजिटल लाइब्रेरी और रीडिंग रूम जैसी सुविधाएं बच्चों को संपूर्ण विकास का अवसर देंगी.
स्कूल से पढ़े बच्चों को देश सेवा का भी अवसर मिलेगा
सैनिक स्कूल बनने के बाद अब यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, नौसेना अकादमी और भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा कर सकेंगे. निश्चित रूप से यह कदम प्रयागराज के साथ पूरे पूर्वांचल के युवाओं के लिए नई राह खोलेगा.