कुरुद: आज गणेश चतुर्थी है, नगर सहित क्षेत्र में गणेशोत्सव की तैयारी जोरो पर है. बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. बच्चे व विभिन्न समिति के सदस्य भगवान श्रीगणेश के स्वागत में लगे हुए हैं. नगर मे विभिन्न जगहो पर सृष्टि के विघ्नहर्ता गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी. स्वागत में आकर्षक व भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं. स्थानीय मूर्तिकार भगवान गणेश की प्रतिमा को आकार दे चुके हैं. मूर्ति देखने बच्चे व समिति के सदस्य मूर्तिकार के पास पहुंच रहे हैं.
गणशोत्सव परंपरा को जीवित रखने के लिए परखन्दा निवासी मूर्तिकार भारत चक्रधारी एवं दुलेश पाड़े ने भी अपनी अहम भूमिका निर्वहन की है. पिछले दो दशकों से नयनाभिराम प्रतिमाओं का निर्माण कर इस उत्सव को जीवित रखने वाले श्री चक्रधारी व पाड़े का पूरा परिवार हर साल गणेशोत्सव के करीब पांच माह पहले से ही इसकी तैयारियों में जुट जाता है. इनकी हाथों बनी मूर्तियों को लेने के लिए तीन माह पहले से बुकिंग भी शुरू हो जाती है, जिसकी मूर्तियों की मांग नगर सहित क्षेत्र में बहुत रहती है.
केवल प्राकृतिक रंगों का ही करते है इस्तेमाल
मूर्तिकारो ने बताया कि गणेश विसर्जन से नदियों व तालाबो का पानी दूषित न हो इसका पूरा ख्याल रखकर मूर्ति निर्माण करते है. इनके द्वारा बनाए जाने वाली लगभग 250 मूर्तियों में ये केवल प्राकतिक रंगों का ही इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा मूर्तियां भी केवल मिट्टी, पैरा, रूई एवं राखड़ जैसे पदार्थों से ही बनाते हैं. जिसके कारण मूर्तियों को विसर्जन करने के बाद भी पानी दूषित नहीं होता है.
हाथों में दिखती है कलाकारी
भारत चक्रधारी अपने पूरे परिवार के साथ ही मूर्ति बनाने का कार्य करते हैं. परिवार में 6 लोग हैं, जिनमें बच्चे-बुजुर्ग सभी मिलकर मिट्टी से प्रतिमा देने का काम करते हैं. इनके परिवार द्वारा होली के बाद से ही गणेश चतुर्थी के लिए मूर्ति बनाने की तैयारी प्रारंभ कर दी जाती है, जो गणेश चतुर्थी के दिन तक जारी रहती है. सभी मूर्तियों को आकार देने के लिए केवल हाथों का ही प्रयोग किया जाता है.
साईज के हिसाब से है रेट
गणेश चतुर्थी के लिए उक्त मूर्तिकार द्वारा करीब 300 से अधिक मूर्तियां बनाई गई है. जिनका दर उनके आकार के हिसाब से लिया जाता है. यहां 4 साईज की मूर्तियां बनाई गई है, जो दो सौ रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक में उपलब्ध है. लोग इनके पास गणेश की मूर्तियों के लिए एडवांस में ही बुकिंग करा लेते है.
मांग अनुरूप सभी मूर्ति बनाकर रखे है
दुलेश पाड़े ने बताया कि उनके द्वारा सालभर के त्योहारों के लिए प्रतिमाएं बनाई जाती है. परिवार केवल गणेश के लिए या कृष्ण के लिए ही नहीं, बल्कि गौरी-गौरा, तीज, दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों में भी लोगों के लिए प्रतिमाएं बनाते हैं. जिन्हें लोगों द्वारा काफी पसंद भी किया जाता है. उनके द्वारा हर साल मूर्ति बनाई जाती है, जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है. वे अपने पिताजी के समय से मुर्ति बनाते आ रहे है और आगे भी जारी रखेंगे.
Advertisements