जब तक चिदंबरम रहे अफजल गुरु को फांसी नहीं हुई…’, राज्यसभा में अमित शाह ने कांग्रेस नेता पर साधा निशाना

राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने विपक्ष के द्वारा लगाए आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, “चिदंबरम साहब भाषण में बोले कि ये नहीं कहा जा सकता कि ऑपरेशन सिंदूर निर्णायक था. मैं पूछना चाहता हूं कि 65 और 71 की लड़ाई निर्णायक थी क्या. तो फिर आतंकवाद क्यों फैला. जब तक दुश्मन डर और सुधर नहीं जाता, कभी निर्णायक पल नहीं आएगा. इतने वर्षों तक उन्हें डराने की प्रक्रिया ही नहीं हुई.”

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उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी ने डराने का काम किया. सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और अब ऑपरेशन सिंदूर हुआ. रात को भी जब सोने जाते होंगे, तो उन्हें भारतीय मिसाइल दिखाई देती होगी.

अमित शाह ने आगे कहा, “चिदंबरम साहब कहते हैं कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे, इसका क्या सबूत है. चिदंबरम साहब जब तक गृह मंत्री थे, अफजल गुरू की फांसी नहीं हुई.”

140 करोड़ भारतीय एकजुट हैं…’

अमित शाह ने कहा, “आतंकवादियों और इस हमले की साजिश रचने वालों की कल्पना से भी बढ़कर उनको बड़ी सजा दी जाएगी. आतंकियों के बीच बची-खुची जितनी भी भूमि है उसको मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है. 140 करोड़ भारतीय इस बात के लिए एकजुट हैं कि आतंक के आकाओं की कमर तोड़ दी जाएगी.”

उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद कभी भी भारत की आत्मा को तोड़ नहीं पाएगा. मैं आज मोदी जी को उनकी दूरदर्शिता के लिए बहुत बहुत साधुवाद देता हूं. उनका बोला हुआ एक-एक शब्द सच हुआ है.

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को देश की जनता देख रही है। इनकी प्रायरिटी देश की सुरक्षा नहीं है, राजनीति है. इनकी प्रायरिटी आतंकवाद को समाप्त करना नहीं है, अपनी वोटबैंक है. इनकी प्रायरिटी हमारी सीमा की सुरक्षा करना नहीं है, तुष्टिकरण की राजनीति है.

‘पाकिस्तान घुटनों के बल…’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “हमने उनके (पाकिस्तान) आतंकी शिविरों, आतंकी लॉन्चिंग पैड्स और आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया, लेकिन उन्होंने (पाकिस्तान ने) इसे अपने देश पर हमला माना. 8 मई को पाकिस्तान ने भारत के आवासीय इलाकों और रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला किया. 9 मई को भारत की सेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस और रक्षा प्रतिष्ठानों को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद, पाकिस्तान लड़ने की स्थिति में नहीं था. पाकिस्तान घुटनों के बल हमारे डीजीएमओ को फोन किया कि अब आप रहम

करो और हमले बंद करो.”

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