भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को इतिहास रच दिया जब वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए. नासा के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुए Axiom-4 (Ax-4) मिशन के तहत 28 घंटे के रोमांचक सफर के बाद उनकी टीम ने अंतरिक्ष स्टेशन के हार्मनी मॉड्यूल पर सफलतापूर्वक डॉकिंग की.
इसके साथ ही भारत ने 41 वर्षों बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी की है. इससे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने यह उपलब्धि हासिल की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सफलता पर शुभांशु और पूरी Ax-4 टीम को बधाई दी और इसे भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कद का प्रतीक बताया.
इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए लखनऊ स्थित शुभांशु शुक्ला के स्कूल में लाइव डॉकिंग का लाइव टेलीकास्ट किया गया. इस दौरान शुक्ला के माता-पिता, शिक्षकों समेत कई रिश्तेदार मौजूद रहे. परिवार का कहना है कि ये पल उनके लिए बेहद खास है और वे चाहते हैं कि शुभांशु सुरक्षित लौटे और परिवार के साथ यह गौरव साझा करें.
जैसे ही टेलीकास्ट में डॉकिंग की पुष्टि हुई, शुभांशु की मां आशा शुक्ला भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. शुक्ला की मां ने भावुक होते हुए कहा, “सबसे बड़ी बात ये है कि वो सबको साथ लेकर गए, पूरी जिम्मेदारी के साथ. अब बस इंतजार है कि वो जल्द लौटें.”
शुभांशु की बहन ने भी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “आज हमारे भाई ने न सिर्फ देश का नाम रोशन किया है, बल्कि मां का सिर भी गर्व से ऊंचा किया है. हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते कि हमें कितनी खुशी और गर्व महसूस हो रहा है.”
इस सफलता के लिए बेटे पर गर्व: शुक्ला के पिता
वहीं उनके पिता ने भावुक होते हुए कहा, “ये हमारे लिए गर्व का पल है. दुआओं और समर्थन के लिए हम सबका धन्यवाद करते हैं. हमें बहुत खुशी है. सफल डॉकिंग हुई है. भगवान का शुक्रिया करते हैं. ये बहुत अहम पड़ाव था. जिस तरह से मेहनत करके उनसे सफलता हासिल की है, उसके लिए बेटे पर गर्व है. हमारा बेटा शुरू से ही तेज रहा है. इस स्कूल ने बहुत सिखाया है उसे. पूरी तरह अपने आप को गौरव शाली मान रहे हैं. उसकी उपलब्धि हमारी उपलब्धि है.”
#WATCH | Mother of IAF Group Captain & astronaut #ShubhanshuShukla, Asha Shukla gets emotional and tears up as she watches the live telecast of docking of #AxiomMission4. Visuals from Lucknow, Uttar Pradesh. pic.twitter.com/7SAnWZD6zo
— ANI (@ANI) June 26, 2025
उन्होंने आगे कहा कि बेटा एयरफोर्स में जब कहीं दूर जाता था तो कम से कम पृथ्वी पर ही रहता था. अब तो अंतरिक्ष में है. अब तो बस जब उधर से आयेगा तभी बात कर पाएंगे. उसका 2019 से खाना पीना छूटा हुआ है. उसकी चिंता नहीं है. वह सब मैनेज कर लेता है. बच्चे के लिए हमारा यही संदेश है कि पूरे आत्मविश्वास से अपना काम करे. फिर आकर हमसे मिले.
शुक्ला के स्कूल में बच्चों और शिक्षकों ने इस मौके पर उत्साह के साथ लाइव टेलीकास्ट देखा. स्कूल के एक छात्र ने कहा, “हम सबको गर्व है कि हमारे शहर से कोई अंतरिक्ष में पहुंचा है. अब हम भी सपना देख सकते हैं.”
“नमस्कार from Space”: शुभांशु का अंतरिक्ष से संदेश
शुभांशु शुक्ला, जो मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं, ने अंतरिक्ष से भेजे अपने संदेश में कहा, “नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों, what a ride… 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं. और कमाल की राइड थी. इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं. मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सबके साथ हूं.”
शुभांशु शुक्ला ने स्पेसक्राफ्ट के अंदर से कहा कि ये मेरी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की जर्नी की शुरुआत नहीं है, ये भारत की ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है. और मैं चाहता हूं कि सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बनें. आपका भी सीना गर्व से चौड़ा होना चाहिए. आप भी उतना ही एक्साइटमेंट दिखाइए. आइए हम सब मिलकर भारत की इस ह्यूमन स्पेस जर्नी की शुरुआत करें. धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत.
Ax-4 मिशन में शुभांशु के साथ अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के सावोस उज़नान्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी शामिल हैं. यह पहला मौका है जब पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी ISS पहुंचे हैं.
Ax-4 टीम अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन बिताएगी और 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग तथा शैक्षणिक गतिविधियों को अंजाम देगी, जिसमें कैंसर अनुसंधान, डीएनए मरम्मत और उन्नत निर्माण तकनीकों से जुड़े प्रयोग शामिल हैं.