भिलाई। दुबई और अन्य शहरों से सट्टे का ऑनलाइन धंधा चलाने वाले कार्रवाई होते तुरंत उसका तोड़ निकाल कर जांच एजेंसियों के समक्ष चुनौती पेश कर रहे हैं। दरअसल, एक यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) ब्लॉक होते वे दूसरा जनरेट कर गेमिंग प्लेटफार्म को उस पर शिफ्ट कर देते हैं।
इस तरह से उनका धंधा बदस्तूर चलता रहता है। ताजा जानकारी के अनुसार, जीएसटी महानिदेशालय ने 357 अवैध गेमिंग साइट को ब्लॉक कर रखा है। वहीं, उसे 700 से अधिक ऐसी साइटों का पता चला है, जिन पर सट्टेबाजी चल रही है। अब उन साइटों की निगरानी शुरू की गई है।
साइट्स ब्लॉक लेकिन सट्टेबाजी पर असर नहीं
बता दें विस चुनाव से पूर्व केंद्र ने 32 साइट्स को ब्लॉक किया था। इसमें महादेव बुक, रेड्डी अन्ना, फेयरप्ले, महाकाल बुक, लोटस सहित कई साइटें शामिल थीं। उस समय भी विदेश में बैठे सट्टेबाजों ने दूसरा यूआरएल बना कर गेमिंग साइट को वहां शिफ्ट कर दिया था।
इसके चलते इस अवैध कारोबार पर फर्क नहीं पड़ा। सभी गेमिंग साइट जीएसटी चोरी कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रही थीं।
सौरभ चंद्राकर के प्रत्यर्पण की अभी चल रही प्रक्रिया
अक्टूबर 2024 में महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल ने दुबई में गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके भारत प्रत्यर्पण के लिए विदेश मंत्रालय ने डोजियर दुबई भेजा था। इसमें ईडी की कार्रवाई के साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का पूरा विवरण शामिल है। उस पर अब भी प्रक्रिया जारी है।
खातों पर नकेल कसना प्रभावी विकल्प
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ऑनलाइन सट्टा कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए बैंक खातों पर नकेल कसना प्रभावी विकल्प हो सकता है। अभी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन संचालित समन्वय पोर्टल म्यूल अकाउंट की निगरानी कर रहा है।