डिंडोरी : जिले में बदलते मौसम और बढ़ती गर्मी का असर अब छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर साफ तौर पर दिखाई देने लगा है. डिंडोरी जिला चिकित्सालय में हाल ही में एक वर्ष से पांच वर्ष की आयु के लगभग 20 बच्चे उल्टी और दस्त जैसी बीमारियों के लक्षणों के साथ इलाज के लिए पहुंचे हैं. इन बच्चों का इलाज जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की देखरेख में किया जा रहा है.
गर्मी के कारण बीमार हो रहे मासूम
डॉक्टरों का कहना है कि तेज गर्मी और नमी भरे मौसम में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे वे बहुत जल्दी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. विशेष रूप से दूषित पानी या अस्वच्छ खान-पान के कारण उल्टी, दस्त और अन्य पेट से जुड़ी बीमारियां आम हो जाती हैं.
ड्यूटी डॉक्टरों ने बच्चों के परिजनों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को केवल उबला या फिल्टर किया हुआ शुद्ध पानी ही पिलाएं और बाजार का तला-भुना अथवा खुला खाद्य पदार्थ बच्चों को बिल्कुल न दें. साथ ही, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील भी की गई है ताकि बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सके.
रहगी गांव से आए सतीश की सतर्कता बनी मिसाल
इसी बीच रहगी गांव निवासी सतीश बघेल का मामला भी सामने आया है, जो समय रहते सतर्कता दिखाते हुए अपने दो वर्षीय बेटे को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. सतीश ने बताया कि उनके बेटे को सुबह से ही बार-बार उल्टियां हो रही थीं. स्थिति गंभीर न हो जाए, इसलिए उन्होंने बिना समय गंवाए जिला चिकित्सालय में संपर्क किया.
जैसे ही सतीश अस्पताल पहुंचे, वहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर शिवम परोहा ने तुरंत बच्चे की जांच की और आवश्यक दवाएं दीं. सही समय पर इलाज मिलने से अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है. सतीश ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों का आभार जताया कि उन्हें समय पर मदद और इलाज मिला.
डॉक्टरों की अपील – बरतें सावधानी
डॉक्टर शिवम परोहा ने बताया कि इस समय मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव हो रहा है, और इस परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ रहा है. उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को साफ पानी पिलाएं, ताजे घर के बने खाद्य पदार्थ ही खिलाएं और गर्मी में बच्चों को हाइड्रेट रखें.
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर
जिला अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि मौसम को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क है. अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए जरूरी दवाएं, स्टाफ और उपकरण उपलब्ध हैं. यदि लक्षण शुरुआती अवस्था में नजर आएं, तो देरी किए बिना अस्पताल में संपर्क करें.
डिंडोरी में बच्चों में बीमारियों की यह लहर चिंताजनक जरूर है, लेकिन यदि समय रहते इलाज और जरूरी सावधानी बरती जाए, तो इस पर काबू पाया जा सकता है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई सावधानियों का पालन कर माता-पिता अपने बच्चों को इस मौसम में स्वस्थ रख सकते हैं.