जोधपुर: यौनशोषण के जुर्म में जोधपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद भोग रहे आसाराम ने हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने पर मंगलवार को सरेंडर कर दिया. आसाराम ने जोधुपर जेल में सरेंडर किया. आसाराम की ओर से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में फिर याचिका लगाई गई है. इस पर बुधवार को सुनवाई हो सकती है. इससे पहले आसाराम को गुजरात कोर्ट से हाल में तीन माह की अंतरिम जमानत फिर मिली है.
आसाराम को 14 जनवरी 2025 को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत मिली थी. जमानत मिलने पर आसाराम कुछ दिन जोधपुर आश्रम में रुका था. उसके बाद जोधपुर से अपने अलग-अलग आश्रम में रहा. उसके अनुयायी भी वहां पहुंचे. उसने कई जगह प्रवचन भी दिए. आसाराम जमानत अवधि खत्म होने पर मंगलवार को जोधपुर लौटा. वह परपंरागत लाल टोपी पहने था. वह अपनी गाड़ी से जेल के गेट तक आया. उसके बाद उसे जेलकर्मी अपने साथ ले गए. कागजी कार्रवाई के बाद उसे मुख्य जेल में अंदर जाना था, तब वह किसी के कंधे पर सहारे पर चलते आया. गेट खुलने तक उसे बैठने को कुर्सी दी. गेट खुलने पर आसाराम ने वहां खड़े मीडियाकर्मियों व अन्य को हाथ जोड़े और अंदर चला गया.
12 साल से जोधपुर जेल में
अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन शोषण के आरोप में आसाराम को 31 सितंबर 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था. आसाराम पर 15 अगस्त 2013 को जोधपुर के मथानिया स्थित मनाई आश्रम में नाबालिग शिष्या के यौन शोषण का आरोप लगा. इस मामले में आसाराम न्यायिक अभिरक्षा में रहने के बाद वर्ष 2018 से आजीवन कारावास काट रहा है. हाल में उसे जोधपुर हाईकोर्ट ने इलाज के लिए पैरोल दी. इसके बाद आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई, जो मंजूर कर ली गई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर आसाराम के वकीलों ने जोधपुर हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई. इस पर हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आसाराम को 31 मार्च तक सशर्त अंतरिम जमानत पर रिहा किया था.