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गहलोत बोले स्मृति ईरानी एरोगेंट, राहुल की जरूरत नहीं…

अमेठी लोकसभा सीट इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. पूरे देश की नजर इस वक्त अमेठी लोकसभा सीट पर बनी हुई है और इसका कारण है 2019 का लोकसभा चुनाव परिणाम जिसमें राहुल गांधी यहां से चुनाव हार गए थे और स्मृति ईरानी सांसद चुनी गई थी. लोकसभा 2019 के चुनाव परिणाम आने के बाद से ही स्मृति ईरानी लगातार कांग्रेस पार्टी के नेताओं के निशाने पर रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में भी स्मृति ईरानी को लगातार कांग्रेस पार्टी के नेता निशाने पर ले रहे हैं. तो वहीं भारतीय जनता पार्टी भी राहुल गांधी को सीधे तौर पर चुनौती दे रही है.

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राहुल गांधी इस बार अमेठी से नहीं रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी लगातार उन पर आरोप लगा रही है कि हार के डर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमेठी छोड़कर रायबरेली भाग गए. खुद स्मृति ईरानी लगातार मुखर होकर अपनी जनसभाओं में एवं मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में राहुल गांधी को निशाने पर ले रही है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लगातार कह रही है कि अगर राहुल गांधी में दम काम था तो अमेठी छोड़कर रायबरेली चुनाव लड़ने क्यों गए.

दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी का बचाव करते हुए यह कह रहे हैं की स्मृति ईरानी को हराने के लिए वर्तमान में अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी के.एल. शर्मा ही काफी है. ताजा मामला अशोक गहलोत का है गहलोत ने मीडिया को दिए हुए बयान में कहा है की स्मृति ईरानी एरोगेंट लेडी है अमेठी जीतने के लिए के. एल. शर्मा ही काफी है राहुल गांधी की जरूरत नहीं है.

गौरतलब है की 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान स्मृति ईरानी को भाजपा ने अमेठी से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया था लेकिन वह चुनाव हार गई थी. चुनाव हारने के बाद भी स्मृति ईरानी लगातार 5 साल अमेठी में जनता के बीच रही. जिसका परिणाम उनको 2019 के लोकसभा चुनाव में मिला और वह राहुल गांधी को हराने में कामयाब हुई एवं अमेठी के जनता ने उन्हें अपना सांसद चुना.

अमेठी लोकसभा 2019 का चुनाव परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए कांग्रेस पार्टी एवं राहुल गांधी को गिरने के लिए एक बड़ा मुद्दा दे कर गया. जिसे भारतीय जनता पार्टी 2024 के चुनाव में भी भुना रही है।हालांकि राजनीतिक पंडितों की माने तो 2024 का चुनावी राह स्मृति ईरानी के लिए आसान नजर आ रही है क्योंकि राहुल गांधी उनके सामने इस बार मैदान में नहीं है और कांग्रेस के तरफ से के.एल. शर्मा उनको कितना टक्कर दे पाएंगे इस पर एक बड़ा प्रश्न चिह्न है.

क्या स्मृति ईरानी एक बार फिर अमेठी से सांसद चुनी जाएंगी या फिर जो काम राहुल गांधी नहीं कर पाए वह खेल के.एल. शर्मा कर पाएंगे. इस सवाल का जवाब तो 4 जून को ही पता चलेगा.

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