‘नशे की तरह बन गए थे फैंटेसी गेम्स, बैन था जरूरी’, ऑनलाइन गेमिंग बिल पर बोले अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खास बातचीत में ऐसे तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी, जो इस समय देश की राजनीति और जनता की चिंता के केंद्र में हैं. रेल सेवाओं में सुधार से लेकर संसद में विपक्ष के हंगामे और तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर तक, हर सवाल पर उन्होंने न सिर्फ बेबाकी से जवाब दिया, बल्कि सरकार की मंशा और आने वाले कदमों की भी स्पष्ट झलक दिखाई. इस दौरान अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन गेमिंग बिल पर कहा कि फैंटेसी गेम्स देश में नशे की तरह बन गए थे, इसलिए इन पर बैन जरूरी था.

ऑनलाइन गेमिंग बिल पास होने पर विपक्ष के हंगामे पर मंत्री वैष्णव ने कहा कि हम लोग डिबेट के लिए तैयार थे. देश के हर क्षेत्र से आने वाले सांसद आकर मुझे और स्पीकर को बोल चुके हैं कि ऑनलाइन मनी गेमिंग के कारण समाज में एक कुरीति फैल रही है. हमारे आने वाली पीढ़ियों पर इसका असर पड़ रहा है. नशे की तरह ये देश में एक समस्या बन चुका है, जिसमें 45 करोड़ लोग प्रभावित हो चुके हैं और 20 हजार करोड़ रुपये मध्यम वर्गीय परिवारों की जेब से निकल चुके हैं. समाज के हर वर्ग से, हर पार्टी के सांसद से मांग आ रही थी.

‘ये समाज में एक सीरियस प्रॉब्लम’

उन्होंने आगे कहा कि लंबे समय से गेमिंग इंडस्ट्री के साथ एक इंगेजमेंट चल रहा था, जिसमें पॉज़िटिव और नेगेटिव इम्पैक्ट, दोनों के बारे में चर्चा चल रही थी. पॉजिटिव इम्पैक्ट को प्रोमोट करना चाहिए. बिल का नाम भी प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेम्स अक्ट बिल है, तो इसमें प्रमोशन वाला जो एस्पेक्ट है, ई-स्पोर्ट्स का और ऑनलाइन सोशल गेम्स का है, उसको इम्प्रूव करना मकसद है. एक समाज में एक सीरियस प्रॉब्लम आ रही है, जिसमें बार-बार सुसाइड हो रहे हैं. बार-बार लोग अपना पैसा गंवा रहे हैं. इस सबको कंट्रोल करने के लिए एक प्रयास लगातार चल ही रहा था. इसलिए इस पर कठोर कदम उठाना पड़ा.

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