Vayam Bharat

‘अडानी को लेकर साजिश रच रही कांग्रेस, जानबूझ कर बदनाम करने का है षड्यंत्र’: प्रोफेसर गौरव वल्लभ

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश का नाम लिए बिना कहा कांग्रेस का घोषणापत्र पिछले 30 वर्षों से लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश का नाम लिए बिना कहा कांग्रेस का घोषणापत्र पिछले 30 वर्षों से उस व्यक्ति द्वारा तैयार किया जा रहा है, जिसने क्लास मॉनिटर का चुनाव भी नहीं लड़ा है. गौरव वल्लभ ने कहा कि जब मैं कॉलेज में था तो वह एक (जयराम रमेश) प्रवक्ता के तौर पर पार्टी का बचाव करते थे. आज भी वह पार्टी के संचार के प्रभारी हैं, उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के पीए चला रहे हैं.

Advertisement

गौरव वल्लभ ने कहा कि अडानी-अंबानी को सुबह से शाम तक गालियां दे रहे हैं. मैंने इस पर प्रेस कांफ्रेंस भी की थी लेकिन, जब सेबी ने इस पर उन्हें क्लीन चिट दे दी तो मैंने ऐसा करना बंद कर दिया. मैंने पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी ऐसा ही करने को कहा लेकिन, उन्होंने मेरी एक न सुनी. ये लोग सुबह से शाम तक राम मंदिर मुद्दे से लेकर हर स्टार्टअप को गालियां दे रहे हैं? क्या इनकी देश के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है?

कांग्रेस क्यों करती है अडानी पर हमला?

प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार देश के उद्योगपतियों पर निशाना साध रही है. देश के धन सृजनकर्ताओं की आलोचना करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार गौतम अडानी पर निशाना साध रही है.

“कांग्रेस ने रात-दिन अदाणी और अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी) के पास जाने की आदत बना ली है. मैंने (कांग्रेस में रहते हुए) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें मैंने अडानी के खिलाफ कुछ संदर्भ दिए थे. हालांकि, जब सेबी ने अडानी को क्लीन चिट (हिंडनबर्ग दावों की जांच में) दे दी तो मैंने उनके बारे में कोई भी सार्वजनिक बयान देना बंद कर दिया, मैंने कांग्रेस नेताओं को भी सलाह दी कि SEBI द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद वे उनकी आलोचना करना बंद कर दें.

गौरव वल्लभ के इस बयान से एक बात साफ हो गई है कि अडानी और अंबानी का गुजराती होना और प्रधानमंत्री का भी गुजरात से होना, ये बात विपक्ष को पसंद नहीं आती है और ये एक वजह है कि उन पर लगातार निशाना साधा जाता है. एक वजह ये भी है कि जिस तरह वामपंथी विचारधारा पूंजीपतियों से नफरत करती है, जिस तरह अडानी और अंबानी दुनिया में भारत की धाक जमा रहे हैं, ये सब बात कांग्रेस, अमेरिकन वामपंथी और चीन को बर्दाश्त नहीं है. कांग्रेस विदेशियों को आगे बढ़ाकर भारत को फिर चीन और अमेरिका का गुलाम बनाना चाहती है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश पर जमकर निशाना साधा. गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश का नाम लिए बिना कहा कि अगर घोषणापत्र में उनके विचारों में ताकत और योग्यता होती तो कांग्रेस लोकसभा में सिर्फ 52 सीटों पर नहीं सिमटती. गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस नेता की पार्टी के प्रति कोई विचारधारा या प्रतिबद्धता नहीं है, क्योंकि उन्हें केवल अपनी राज्यसभा सीट को बचाने की फिक्र है. बता दें कि जयराम रमेश कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रभारी हैं.

भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने (जयराम रमेश) स्कूल में क्लास मॉनिटर के पद के लिए भी कभी चुनाव नहीं लड़ा है, वह सिर्फ कुछ पत्रकारों को बुलाते हैं और प्रतियां प्रकाशित करवाते हैं. इसके अलावा गौरव वल्लभ ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि उनमें से कुछ को पता ही नहीं है कि उत्तर प्रदेश और बिहार अलग-अलग राज्य हैं. उन्होंने बताया कि ये कांग्रेस कैंडिडेट्स के ज्ञान का स्तर है.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस तरह के नये विचारों को बाधा मानती है. गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को परेशान करने वाले मुद्दों को समझने में असमर्थ है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पूर्व पार्टी ‘नए भारत’ की आकांक्षाओं और दिशाओं से जुड़ने में असमर्थ रही.

गौरव वल्लभ ने कहा कि वह “पापियों” के साथ समान स्तर पर खड़े नहीं हो सकते, जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया था.

Advertisements