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गुरुग्राम: साइबर ठगी में बैंक का असिस्टेंट मैनेजर गिरफ्तार, 35 लाख उड़ाने में की थी स्कैमर्स की मदद

हरियाणा के गुरुग्राम से साइबर ठगी का डराने वाला मामला सामने आया है. यहां शेयर बाजार में निवेश पर अधिक रिटर्न देने के बहाने साइबर अपराधियों को एक व्यक्ति से 35 लाख रुपये से अधिक की ठगी करने में मदद के आरोप में एक बैंक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है. एक अधिकारी ने गुरुवार को ये जानकारी दी है.

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पुलिस ने बताया कि आरोपी हरविंदर सिंह इंडसइंड बैंक की लाजपत नगर शाखा में सहायक प्रबंधक के रूप में कार्यरत था. वह 2022 से बैंक के साथ काम कर रहे हैं. मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति ने 27 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई कि शेयर बाजार में निवेश पर अधिक रिटर्न पाने के बहाने उससे 35.69 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई. पुलिस ने कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई.

सिंह के दो अन्य साथी-योगेंद्र भाटी और विक्रम शाही-पहले गिरफ्तार किए गए थे. पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि सिंह ने उन्हें एक फर्जी फर्म के नाम पर बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान की थी. एसीपी साइबर प्रियांशु दीवान ने कहा, खाते के बदले में उन्हें 30,000 रुपये मिले. सिंह को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था. एसीपी ने कहा, मामले की आगे की जांच जारी है.

बता दें कि इसी साल गुरुग्राम में ऐसा एक अन्य मामला सामने आया था. फरवरी में हरियाणा के गुरुग्राम की साइबर क्राइम यूनिट ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया थी. खास बात यह है कि आरोपियों में से तीन आरोपी कोटक महिंद्रा बैंक में मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर कार्यरत थे. 7 महीनों में आरोपियों ने कोटक महिंद्रा बैंक में 2000 खाते खोलकर साइबर फ्रॉड की वारदात को अंजाम दिया था.

आरोपियों की पहचान मोहित राठी, महेश कुमार, विश्वकर्मा मौर्य और हयात के रूप में हुई थी. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि मोहित राठी (असिस्टेन्ट मैनेजर), महेश कुमार (डिप्टी मैनेजर) और विश्वकर्मा मौर्या (डिप्टी मैनेजर) तीनों कोटेक महिंद्रा बैंक शाखा एमजी रोड में कार्यरत थे.

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