प्रयागराज (नैनी जेल) से आज सुबह लगभग 6:10 बजे सरकारी काफिले के साथ अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को झांसी जेल की ओर रवाना कर दिया गया. इस अचानक हुए जेल शिफ्ट के फैसले ने पूरे पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है. अली को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत ले जाया जा रहा है. इस जेल का इतिहास बेहद काला है. कुख्यात अपराधियों की ख्याति से भरी इस झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी को भी रातें काटनी पड़ी थीं.
मुन्ना झांसी से ही बागपत जेल स्थानांतरित किया गया था. बाद में वहीं जेल परिसर के भीतर गोली लगने से मारा गया था. इस मामले में सीबीआई ने झांसी जेल प्रशासन और कैदियों तक को पूछताछ के लिए बुलाया था. वही जेल, जिसने अतीत में इन अपराधियों को पनाह दी थी. आज अली अहमद को अपनी दीवारों में बंद करने जा रही है. यह जेल उस अतीत को भी याद दिलाती है, जब अपराध और आतंक का अंधेरा फैला रहा.
अली पर हैं ये सारे आोरप
आज उसी अंधेरे में अली को ले जाया जा रहा है. अली पर यह आरोप है कि उसने प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी. अली उमेश पाल हत्याकांड में भी आरोपी है. जुलाई 2022 में अली ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था और तब से वह जेल में था. 25 जून 2025 को नैनी जेल में उसकी पाली की तलाशी में 1,100 नकदी बरामद हुई, जिसके बाद दो जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था.
झांसी का सफर लगभग सात घंटे में होगा तय
इसी घटना के बाद अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में स्थानांतरित किया गया था. नैनी से झांसी तक का रास्ता लगभग 420 किमी है, जिसे लगभग सात घंटे में तय किया जाएगा. काफिले में लगभग 20 सशस्त्र पुलिसकर्मी, चार ऑरटी (ORT) सदस्य और एक PAC दस्ते को भी शामिल किया गया है.
झांसी जेल, जिसने पहले मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी जैसे कुख्यातों को सील रखा. आज अली अहमद को बंद करने की तैयारी कर रही है. एक नए अध्याय के साथ, जिसमें अतीक का काला साम्राज्य जेल की सलाखों के पीछे रहेगा.