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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार…, वैध दस्तावेज के बावजूद इस्कॉन के दर्जनों सदस्यों को भारत जाने से रोका

Bangladesh News: वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के दर्जनों सदस्यों को रविवार को बांग्लादेश की आव्रजन पुलिस ने बेनापोल सीमा पर वापस भेज दिया. एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

‘डेली स्टार’ अखबार ने अपनी खबर में बेनापोल आव्रजन पुलिस के प्रभारी अधिकारी इम्तियाज अहसानुल कादिर भुइयां के हवाले से कहा, “हमने पुलिस की विशेष शाखा से परामर्श किया और उच्च अधिकारियों से निर्देश मिले कि उन्हें (सीमा पार करने की) अनुमति न दी जाए.”

‘विशिष्ट सरकारी अनुमति नहीं थी’

बेनापोल आव्रजन पुलिस के प्रभारी अधिकारी इम्तियाज अहसानुल कादिर भुइयां ने बताया कि इस्कॉन के सदस्यों के पास कथित तौर पर वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन उनके पास यात्रा के लिए आवश्यक विशिष्ट सरकारी अनुमति नहीं थी.  उन्होंने कहा, “वे ऐसी मंजूरी के बिना आगे नहीं बढ़ सकते.”

इस्कॉन के एक सदस्य ने दी जानकारी

विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं समेत 54 सदस्य शनिवार रात और रविवार सुबह जांच चौकी पर पहुंचे. हालांकि, अनुमति के लिए घंटों इंतजार करने के बाद उन्हें बताया गया कि उनकी यात्रा अधिकृत नहीं है.  इस्कॉन के एक सदस्य सौरभ तपंदर चेली ने कहा, “हम भारत में हो रहे एक धार्मिक समारोह में भाग लेने निकले थे, लेकिन आव्रजन अधिकारियों ने सरकारी अनुमति न होने का हवाला देते हुए हमें रोक दिया.”

भारतीय युवक पर हुआ हमला

पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों के बीच कोलकाता के एक युवक ने दावा किया है कि ढाका में अज्ञात लोगों को जब पता चला कि वह भारतीय हिंदू है तो उन्होंने उसकी पिटायी की.  पश्चिम बंगाल की राजधानी के उत्तरी छोर पर स्थित बेलघरिया क्षेत्र के रहने वाले 22 वर्षीय सायन घोष 23 नवंबर को बांग्लादेश गए थे और एक मित्र के यहां ठहरे थे. वहां परिवार ने उन्हें अपने बेटे की तरह रखा.

घोष ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हालांकि 26 नवंबर की देर शाम जब मैं और मेरा दोस्त टहलने निकले तो चार-पांच युवकों के एक समूह ने मेरे दोस्त के घर से करीब 70 मीटर की दूरी पर मुझे घेर लिया. उन्होंने मुझसे मेरी पहचान पूछी. जब मैंने उन्हें बताया कि मैं भारत से हूं और हिंदू हूं तो उन्होंने मुझे लात-घूंसे मारने शुरू कर दिए और यहां तक ​​कि मेरे दोस्त पर भी हमला कर दिया, जिसने मुझे बचाने की कोशिश की.’

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