उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बेहद संवेदनशील ऑपरेशन के तहत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में एक एजेंट को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान शहजाद पुत्र अब्दुल बहाब के रूप में हुई है. वह लंबे समय से पाकिस्तान के संपर्क में था और तस्करी की आड़ में देश की सुरक्षा से संबंधित गुप्त जानकारियां दुश्मन देश को पहुंचा रहा था. फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है.
विश्वसनीय सूत्रों से मिली थी जानकारी
यूपी एटीएस को अपने विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिली थी कि एक शख्स भारत-पाकिस्तान की सीमा पर कॉस्मेटिक्स, मसाले, कपड़े और अन्य वस्तुओं की अवैध तस्करी कर रहा है. जांच में यह भी सामने आया कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का संरक्षण प्राप्त है और वह देशविरोधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से संलिप्त है. सूचना की पुष्टि के बाद एटीएस ने एक विशेष टीम बनाकर आरोपी की निगरानी शुरू कर दी.
इस दौरान टेक्निकल और फिजिकल सर्विलांस के जरिए शहजाद की गतिविधियों की विस्तृत जांच की गई. इसके बाद उसकी जासूसी में संलिप्तता स्पष्ट हो गई. शहजाद कई बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है. उसका मकसद तस्करी के सामान की डिलीवरी के साथ-साथ आईएसआई एजेंटों से मुलाकात कर उनसे निर्देश प्राप्त करना था. जांच में यह भी सामने आया है कि उसने भारत की सैन्य और सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां साझा की हैं.
isi एजेंटों को देता था भारतीय सिम
शहजाद पाकिस्तानी एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड उपलब्ध कराता था ताकि वे भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे सकें. उसने आईएसआई के कहने पर भारत में मौजूद उनके एजेंटों को आर्थिक मदद भी मुहैया कराई थी. वह रामपुर सहित उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों से लोगों को तस्करी के जरिए पाकिस्तान भिजवाने की साजिश में भी शामिल रहा है. इन लोगों के वीज़ा और यात्रा दस्तावेज आईएसआई एजेंटों द्वारा तैयार कराए जाते थे.
जासूसी के आरोपी का प्रोफाइल
नाम:- शहजाद पुत्र अब्दुल बहाब
पता:- मकान नंबर-135, मोहल्ला-आजाद नगर, टांडा, जनपद-रामपुर, उत्तर प्रदेश
भूमिका:- आईएसआई के लिए जासूसी, तस्करी की आड़ में खुफिया नेटवर्क का संचालन
आईएसआई नेटवर्क का पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 148 और 152 के तहत मामला दर्ज किया है. उसे अदालत में पेश कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह गिरफ्तारी केवल एक जासूस की नहीं, बल्कि आईएसआई द्वारा भारत में खड़ा किए गए जासूसी नेटवर्क के एक बड़े हिस्से का पर्दाफाश है. सुरक्षा एजेंसियां अब उन तमाम लोगों की पड़ताल कर रही हैं जो इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं.