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सरगुजा-सूरजपुर की सीमा पर कांग्रेस नेता पर हमला:सहयोगियों पर भी धारदार हथियार से वार, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान विवाद होने पर वारदात

अंबिकापुर और सूरजपुर जिले की सीमा पर बंग समाज के दुर्गा विसर्जन के दौरान 10 से 15 हथियार बंद बदमाशों ने कांग्रेस नेता दिलीप धर और उनके सहयोगियों पर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में दिलीप धर और उनके एक साथी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उनके सहयोगियों को भी चोटें आई है। मामला जयनगर थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, अंबिकापुर के भगवानपुर में बंग समाज ने दुर्गा पूजन का आयोजन किया था। बंग समाज ने शुक्रवार की रात दुर्गा विसर्जन करने जुलूस निकाला था, जो सूरजपुर के सोनवाही तालाब जा रही थी। इसमें कांग्रेस के जिला सचिव दिलीप अपने सहयोगियों के साथ शामिल हुए थे। इस दौरान दिलीप धर का एक व्यक्ति से किसी बात को लेकर विवाद हो गया।

तलवार और डंडों से हमला, दो गंभीर

विवाद बढ़ने पर युवकों ने चाकू तलवार और हथियारों से दिलीप धर और साथियों पर हमला कर दिया। जिससे दिलीप समेत 4 लोग घायल हो गए। सभी घायलों को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। सिर पर गंभीर चोट की वजह से एक को रायपुर रेफर कर दिया गया है। दिलीप धर समेत बाकियों का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया जा रहा है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने बताया कि, दिलीप धर पहले की कार्यकारिणी में जिला सचिव के पद पर थे। हमने नई कार्यकारिणी घोषित नहीं की है।

चाकूबाजी का एक और मामला

दशहरा के दिन अंबिकापुर में युवती की हत्या के बाद महामाया मंदिर में एक युवक को चाकू मारकर घायल कर दिया गया। वहीं एक युवक पर भी शनिवार को बदमाशों ने चाकू से हमला कर दिया। युवक के सिर, हाथ पर गंभीर चोट आई है।

TS सिंहदेव ने चाकूबाजी पर जताई चिंता

छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव ने भी चाकूबाजी की घटनाओं पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि, अंबिकापुर शहर के अलग-अलग स्थलों पर कल जिस तरह से चाकूबाजी और बाकी आपराधिक घटनाएं घटी वो साफ इशारा करती है कि दशहरा जैसे खास मौके पर शहर की सुरक्षा व्यवस्था कैसी थी।

हमेशा से हम देखते रहे हैं कि दशहरा पर शहर के प्रमुख चौक-चौराहों समेत ऐसे स्थल जहां भीड़ की संभावना होती है, वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते हैं, लेकिन चोपड़ापारा काली मंदिर के पास दिनदहाड़े मर्डर, फिर महामाया मंदिर के पास चाकूबाजी की घटना ने जिले की लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को बयां कर दिया है।

ऐसी घटनाएं स्वस्थ्य समाज के लिए सही नहीं है। राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने चाक-चौबंद व्यवस्था करनी चाहिए। केवल दशहरा ही नहीं किसी भी दिन आपराधिक घटनाएं न हो इसकी जिम्मेदारी और जवाबदेही तय होनी चाहिए।

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