इटावा: महेवा ब्लॉक के दांदरपुरा गांव में 21 जून को कथावाचकों के साथ हुई मारपीट और चोटी काटने की घटना लगातार सुर्खियों में है. इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है और अब तक कुल 15 आरोपियों की पहचान कर ली गई है. यह घटना उस समय हुई थी, जब कथावाचक मुकुटमणि यादव और संत कुमार यादव कथा सुना रहे थे. इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने उनके साथ न सिर्फ अभद्रता की, बल्कि मारपीट कर उनकी चोटी भी काट दी थी. इस घटना से पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया था.
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और विवेचना में बदलाव
घटना के तुरंत बाद पुलिस हरकत में आई और 24 घंटे के भीतर ही चार नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। ये चारों आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं और उनकी जमानत भी नहीं हो सकी है, जो पुलिस के सख्त रुख को दर्शाता है. शुरुआत में इस मामले में चार नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
इस मामले की जांच पहले इटावा पुलिस कर रही थी। हालाँकि, इटावा के एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव के निवेदन पर शासन ने इसकी गंभीरता को देखते हुए इसे झांसी पुलिस को सौंप दिया। वर्तमान में झांसी जिले के थाना पूंछ के इंस्पेक्टर जेपी पाल इस केस की जांच कर रहे हैं. इस बदलाव का उद्देश्य मामले की निष्पक्ष और गहनता से जांच सुनिश्चित करना है.
वीडियो से मिले अहम सुराग, 11 नए आरोपियों की पहचान
झांसी पुलिस ने जांच का जिम्मा संभालते ही, वायरल वीडियो का गहन विश्लेषण किया. इस विश्लेषण से पुलिस को न सिर्फ नए सुराग मिले, बल्कि 11 और आरोपियों की भी पहचान हो गई है। पुलिस ने दावा किया है कि अब जल्द ही इनके खिलाफ भी कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। जांच टीम लगातार गांवों में जाकर पड़ताल कर रही है और हर तथ्य की बारीकी से छानबीन की जा रही है ताकि कोई भी आरोपी बच न सके.
पुलिस का कहना है कि इस मामले में किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा. पहले गिरफ्तार किए गए चार आरोपी पहले से ही जेल में हैं और अब जिन 11 लोगों की पहचान हुई है, उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर न्यायालय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा. पुलिस अधिकारियों का यह सख्त रुख यह स्पष्ट करता है कि कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ित को न्याय मिलेगा.