स्कूल में बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश, बाल आयोग ने जब्त की धार्मिक किताबें, ऐसे हुआ खुलासा

मध्यप्रदेश के मंडला जिले में एक स्कूल में बच्चों के धर्मांतरण की कोशिशें की जा रही थीं. स्कूल में 48 बच्चों को ईसाई धर्म की शिक्षा दी जा रही थी. इसका खुलासा तब हुआ जब मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य स्कूल की जांच करने के लिए पहुंचे. बाल आयोग की टीम ने बच्चों से बात की तो उन्होंने कहा कि वे डॉक्टर, इंजीनियर नहीं बल्कि पास्टर और सिस्टर बनना चाहते हैं.

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इन बच्चों को पेरेंट्स की अनुमित के बगैर धार्मिक गतिविधियों में शामिल किया जा रहा था.

हॉस्टल में रह रहे थे बच्चे

पूरा मामला बिछिया जनपद के साइन फॉर इंडिया का स्कूल का है. जांच में सामने आया है कि स्कूल में मंडला, ओडिशा और अनूपपुर के 48 बच्चे रह रहे हैं. इनमें 15 लड़कियों और 33 लड़के शामिल हैं. स्कूल में बड़ी मात्रा में धार्मिक किताबें जब्त की गई हैं. आयोग को जानकारी मिली थी कि ओडिशा का ज्योति राज बिना अनुमति स्कूल और छात्रावास चला रहा है. यहां रह रहे बच्चों ने टीम से बातचीत की उन्होंने बताया कि वे डॉक्टर और इंजीनियर नहीं, पास्टर और सिस्टर बनना चाहते हैं.

बाइबिल लेकर कर रहे थे प्रार्थना

मंडला के डीपीसी केके उपाध्याय ने बताया की संज्ञान में आया था कि स्कूल में धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही हैं. गुरुवार को रात 8 बजे जब हम वहां पहुंचे तो देखा 15 लड़कियां और 33 लड़के प्रार्थना कक्ष की ओर बाइबिल लेकर जा रहे थे. जब उनके बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह प्रार्थना कक्ष में प्रार्थना करने जा रहे हैं.

ईसाई धर्म मान रहे बच्चे

डीपीसी केके उपाध्यय ने बताया कि बच्चों ने बताया रोजाना शाम 6.30 बजे से यहां ईसाई धर्म की प्रार्थना कराई जाती है. उन्होंने बताया कि पहले हम दूसरा धर्म मानते थे. लेकिन यहां आने के बाद हम ईसाई धर्म मानने लगे हैं. हम सब के भगवान एक हैं.

धर्म बताया क्रिश्चियन

बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने बताया कि यहां स्कूल आवासीय स्कूल के रूप में संचालित हो रहा था. हॉस्टल में रह रहे 48 बच्चों के दस्तावेज पूरे नहीं मिले. यहां स्कूल के दस्तावेज में बच्चे का धर्म हिन्दू और जाति गोंड लिखी मिली. वहीं हॉस्टल के रिकॉर्ड में ईसाई बताया गया है. सभी बच्चों के धर्म को क्रिश्चियन बताया गया है. यहां बच्चियों के बाथरूम में कैमरे लगे हुए मिले जो आपत्तिजनक है.

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