औरंगाबाद: भारतमाला परियोजना के किसानों के सामने काम रोको या मरो की स्थिति

औरंगाबाद:  भारतमाला परियोजना हेतु हो रहे भूमि अधिग्रहण में बिना मुआवजा दिए धान के लहलहाते फसलों को रौंदने से बचाने के लिए भारतमाला से प्रभावित किसानों ने हरदत्ता स्थित माँ शक्ति मैरेज हाल में बैठक कर किसी कीमत पर फसल को बचाने का संकल्प लिया.

बैठक की अध्यक्षता कमला प्रसाद सिंह ने किया तथा संचालन नरेंद्र राय ने किया। इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन के बिहार झारखंड प्रभारी दिनेश कुमार सिंह, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अशोक प्रसाद सिंह ,राष्ट्रीय हल्ला बोल के महासचिव प्रशांत कमल तथा पंजाब से भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरमैल सिंह ने भी हिस्सा लिया .पिछले 25 अगस्त को बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा द्वारा किसानों की शिष्ट मंडल से फसल नहीं रौंदा जाएगा के वादा के बाद भी जिला प्रशासन के मदद से कंपनी द्वारा किसानों के फसलों को लगातार रौंदकर नष्ट किया जा रहा है.

बिना मुआवजा दिए फसलों को रौंदे जाने से किसानों में भारी आक्रोश है । किसानों ने बैठक में बर्बाद होते फसलों को रोको या मरो का एकमत से संकल्प लिया.बैठक में आए भाकियू के बिहार प्रभारी दिनश सिंह ने कहा कि आगामी दस सितंबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा का सम्मेलन है इस सम्मेलन में फसल रौंदने के मुद्दा को प्रमुखता से हम रखेगे और जैसा निर्देश मिलेगा वैसा यहां किया जाएगा.श्री सिंह ने प्रशासन के लोगों को चुनौती देते हुए कहा कि ये अधिकारी कम और कंपनी के दलाल ज़्यादा हैं. जब भूमि अधिग्रहण कानून में लिखा है कि जबतक अस्सी प्रतिशत परिवारों को मुआवजा नहीं दे दिया जाता तबतक किसान से जमीन नहीं ले सकते बावजूद यहां फसलों को रौंदा जा रहा है.

अगर इनका यही रवैया रहा तो राकेश टिकैत उपस्थिति में जीटी रोड और रेलवे लाइन को भी जाम करने का काम करेंगे. पंजाब से आए किसान नेता गुरमैल सिंह ने किसानों को लड़ाई लड़ने के लिए हौसला बढ़ाया और बताया कि जरूरत पड़ी तो अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पंजाब से भी हजारों किसान आयेंगे.संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अशोक प्रसाद सिंह ने फसल रौंदने की घटना की घोर निंदा करते हुए सरकार का दमनकारी नीति बताया। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण क़ानून 2013 की धारा 38(1) कहता है कि जबतक 80% परिवारों को मुआवजा नहीं दे दिया जाता तब तक भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता.बीस प्रतिशत से भी कम किसानों को अभी तक मुआवजा मिला है बावजूद जबरन भूमि पर कब्जा किया जा रहा है. इस दौरान पांडेय कर्मा, इगुनी डिहबार, दरियापुर, सिंघना, सोनबरसा, रामपुर, मथुरापुर, परसा, मनोरथा, नरेंद्रखाप, जगरनाथ बिगहा गांवों का फसल रौंद दिया गया है.इस मौके पर नरेंद्र राय, विजेंद्र मेहता, जगत सिंह, विक्की सिंह, चंद्रमोहन तिवारी, अभय सिंह, रामाकांत सिंह, विकास सिंह आदि सैकड़ों किसान उपस्थित थे.

Advertisements
Advertisement