औरंगाबाद: मुआवजा विवाद को लेकर किसान उग्र, भारत माला परियोजना से प्रभावित किसान 25 अगस्त को घेरेंगे सीएम आवास

औरंगाबाद: 25 अगस्त को पटना में भारत माला परियोजना से प्रभावित किसान और भारतीय किसान यूनियन ने बैठक कर मुख्यमंत्री का घेराव करने का निर्णय लिया है. यह बैठक शनिवार को कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हरदत्ता के एक निजी होटल में एरका गांव निवासी कमला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता और संचालन राज कुमार सिंह के नेतृत्व में लिया गया. बैठक में मुख्य रूप अतिथि के रूप में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी दिनेश कुमार सिंह, बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक प्रसाद सिंह तथा किसान महासंघ औरंगाबाद के अध्यक्ष उमेश सिंह उपस्थित थे.

भारत माला परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में उचित मुआवजा को लेकर कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद के किसान भी पिछले दो वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं. सरकार द्वारा अब-तक किसानों के किसी भी मांग को पूरा किया गया है. इस बात से नाराज किसानों ने आगामी 25 अगस्त को भारी संख्या में पटना चलकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का निश्चय किया है.

भारतीय किसान यूनियन के बिहार प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि केंद्र और राज्य की सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. सरकार भूमि अधिग्रहण का गजट प्रकाशन 2022 में किया और मुआवजा दर तेरह साल पुराना 2012 के सर्किल रेट से दे रही है, जो सरासर अन्यायपूर्ण है। सरकार भूमि खरीद-बिक्री में अलग अलग प्रकृति के भूमि के बदले अलग-अलग टैक्स लेती है. परन्तु जब मुआवजा देने की बारी आई तो उसने तमाम जमीनों को भीठ घोषित कर दिया.

सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के घेराव में बक्सर, कैमूर, रोहतास, गया, जहानाबाद, पटना, मुंगेर सहित कई जिले के किसान हिस्सा लेंगे. अशोक प्रसाद सिंह नें अधिक से अधिक किसानों को पटना चलने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार से जब तक मजबूती के साथ नहीं लड़ेंगे तब तक सरकार उचित मुआवजा नहीं देगी. उन्होंने कहा कि यह सरकार सुबह से शाम तक सिर्फ उद्योगपति मित्रों की चिंता करती है, उसे जनता और किसान से कोई हमदर्दी नहीं है.

किसान महासभा औरंगाबाद के अध्यक्ष उमेश सिंह ने भी किसानों से अधिक से अधिक संख्या में पटना चलने की अपील की. इस मौके पर चंद्रमोहन तिवारी, संजय तिवारी, अनिल सिंह, झूलन सिंह, नरेंद्र राय, पप्पू तिवारी, विक्की सिंह, बिजेंद्र मेहता, गुप्तेश्वर यादव समेत सैकड़ों किसान उपस्थित थे.

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