औरंगाबाद: जच्चा-बच्चा की मौत के बाद दिया 23 लाख का फर्जी चेक, सिविल सर्जन के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग…विधायक ने भी दिया धरना 

औरंगाबाद: शहर के रमेश चौक पर शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ लालसा सिन्हा के निजी क्लिनिक में जुड़वा बच्चा सहित मां की मौत के विरोध में आक्रोशितों ने हंगामा किया. आरोप है कि सिविल सर्जन ने मामले में मैनेज के नाम पर पीड़ित परिजनों को फर्जी चेक दिया. शुक्रवार को करीब तीन घंटे तक रमेश चौक पूरी तरह बंद रहा और सिविल सर्जन के विरुद्ध आक्रोशितों ने नारेबाजी करते हुए आगजनी की. इस दौरान रमेश चौक के चारों तरफ भीषण जाम लग गयी. इस दौरान नवीनगर विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह, जिला परिषद सदस्य अनिल यादव, राजद नेता उदय उज्ज्वल सहित अन्य लोग मौजूद रहे. इस दौरान राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी हुई कोई अप्रिय घटना न घटे इसको लेकर पुलिस प्रशासन मौके पर तैनात थी.

विधायक डब्लू सिंह ने बताया कि 31 अगस्त को सिविल सर्जन के निजी क्लिनिक में माली थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी नरेंद्र यादव की पत्नी पूनम देवी का प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी. मृतका के परिजनों का कहना है कि शुरू से ही उसका इलाज सिविल सर्जन के निजी क्लिनिक में हुआ. जब प्रसव होने लगा तो सिविल सर्जन द्वारा ऑपरेशन के दौरान महिला का गलत नस काट दिया गया, जिसके कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। मामला को छुपाने के लिए इमरजेंसी बताते हुए उसे रेफर कर दिया गया. हालांकि परिजनों ने सूझबूझ दिखाई और जांच किया तो वह मृत पाई गई.

परिजनों का कहना था कि ऑपरेशन के दौरान अगर महिला की मौत हो गयी थी तो पेट में पल रहे दोनों जुड़वा बच्चो को बचाया जा सकता था, लेकिन सभी की जान चली गयी. मौत के बाद परिजनों ने हंगामा भी किया. पुलिस भी पहुंची. मामला को रफा दफा करने के लिए समझौता हुआ और 23 लाख रुपया पर मामला तय हुआ. विधायक डब्लू सिंह के सामने डॉ लालसा सिन्हा द्वारा 23 लाख रुपया का चेक काटकर दिया गया और उसपर पांच सितंबर का डेट डाला गया. कहा गया था कि अभी खाते में कम पैसा है. पांच तारीख तक पूरा पैसा हो जाएगा तो बैंक में चेक जमा कर पैसा निकाल लेंगे. इसके बाद मामला शांत हो गया.

जब पांच के बाद परिजन बैंक में गए तो खाता होल्ड पाया गया, जिसके कारण पैसा नही निकला. उसके पहले चिकित्सकों की एक बैठक हुई थी. उसमे निर्णय लिया गया इसके बाद खाता को होल्ड किया गया. उदय उज्ज्वल ने बताया कि घटना बहुत दुखद है. सिविल सर्जन के अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत दुखद है. जिला प्रशासन सिविल सर्जन पर कड़ी कार्रवाई करें. कहा कि अभी तक मामले में प्राथमिकी भी नही हुई. इस दौरान नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह, मुफस्सिल थानाध्यक्ष अशोक कुमार दल बल के साथ रमेश चौक पहुंचे और काफी समझाने-बुझाने का प्रयास किया.

सूचना पर एसडीएम संतन सिंह, एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय दल बल के साथ रमेश चौक पहुंचे और आक्रोशितों को समझाया. उन्होंने कहा कि जो भी मामला है उस पर जांच होगी. जांच के उपरांत दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वैसे जानकारी यह भी मिली कि रमेश चौक पर मामला शांत होने के बाद सभी लोग सर्किट हाउस चले गए. वहां चिकित्सकों की टीम से बातचीत की सूचना प्राप्त हुई. हालांकि वयंम भारत खबर इसकी पुष्टि नही करता है.

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