लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर से दुखद खबर सामने आई है। दुनिया के सबसे ऊंचे और कठिन युद्धक्षेत्र माने जाने वाले इस इलाके में मंगलवार को अचानक हिमस्खलन (एवलांच) आ गया। इस हादसे में भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए, जिनमें दो अग्निवीर शामिल हैं। घटना सियाचिन बेस कैंप के पास हुई, जहां जवान अपनी ड्यूटी पर तैनात थे।
जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 8 बजे यह हादसा हुआ जब ग्लेशियर के पास अचानक भारी बर्फ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे आ गिरा। उस समय जवान नियमित गश्त और निगरानी के कार्य में लगे हुए थे। एवलांच की चपेट में आने से तीन जवान दब गए। तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया और बाकी सैनिकों ने उन्हें निकालने की कोशिश की, लेकिन अत्यधिक ठंड और बर्फ के भारी दबाव की वजह से जवानों को बचाया नहीं जा सका।
सेना के सूत्रों ने बताया कि शहीद हुए जवानों के नाम और यूनिट की जानकारी परिवारों को सूचित करने के बाद ही सार्वजनिक की जाएगी। इनमें दो अग्निवीर और एक नियमित सैनिक शामिल हैं। उनके पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थान पर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है, जहां तापमान अक्सर माइनस 40 डिग्री तक चला जाता है। यहां तैनात जवानों को दुश्मन से ज्यादा चुनौती मौसम और बर्फीले तूफानों से मिलती है। हर साल कई बार एवलांच की घटनाएं होती हैं, जिनसे जवानों की जान जोखिम में पड़ती है।
सेना ने कहा है कि दुर्घटना के बाद इलाके में अन्य जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अलर्ट बढ़ा दिया गया है और विशेष निगरानी रखी जा रही है। साथ ही बचाव दल लगातार इलाके की स्थिति का आकलन कर रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बेहतर तरीके से निपटा जा सके।
इस हादसे की खबर मिलते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। लोगों ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। सरकार की ओर से भी शहीद परिवारों को हर संभव मदद और सम्मान देने का आश्वासन दिया गया है।