अयोध्या जिले में वक्फ सम्पत्तियों की पहचान और सूचीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस प्रक्रिया के तहत कुल 2116 वक्फ सम्पत्तियों को चिह्नित किया गया, जिनका विवरण संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया है।
सदर तहसील में सर्वाधिक वक्फ संपत्तियां
जिले की पांच तहसीलों—सदर, सोहावल, बीकापुर, मिल्कीपुर और रुदौली—में इन संपत्तियों को चिन्हित किया गया। सदर तहसील में सबसे अधिक 1370 वक्फ संपत्तियां मिलीं, जबकि अन्य तहसीलों में यह आंकड़ा निम्नानुसार रहा:
- सोहावल – 233
- बीकापुर – 305
- मिल्कीपुर – 139
- रुदौली – 69
कुल 149.28 हेक्टेयर भूमि (करीब 900 एकड़) को वक्फ संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
सरकारी भूमि पर वक्फ संपत्तियां
इस प्रक्रिया के तहत अयोध्या उन प्रदेश के टॉप-5 शहरों में शामिल हो गया है, जहां सरकारी जमीन पर सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां पाई गईं.प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, सरकारी भूमि पर वक्फ संपत्तियों की अधिक संख्या के चलते कई गांवों में चकबंदी के दौरान इन्हें आरक्षित कर दिया गया.
ऐतिहासिक धरोहरें भी सूची में शामिल
इस सूची में अयोध्या की ऐतिहासिक धरोहर “बहू बेगम का मकबरा” भी शामिल है, जिसका पंजीकरण वक्फ बनी खानम मकबरा (1359 फसली) के नाम से है.यह मकबरा केवल मोहर्रम की छठवीं तारीख और चेहल्लुम के दिन खोला जाता है. हालांकि, इसे नजूल भूमि के रूप में दर्ज कर सरकारी संपत्ति में गिना गया है, क्योंकि राजस्व अभिलेखों में इसका स्पष्ट रूप से वक्फ दर्ज नहीं था.
रिपोर्ट शासन को भेजी गई, आगे के निर्देशों की प्रतीक्षा
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि शासन के आदेशानुसार वक्फ संपत्तियों का विवरण तैयार कर भेज दिया गया है.यह रिपोर्ट संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के लिए तैयार की गई है और शासन के मार्गदर्शन के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
यह सर्वेक्षण अयोध्या के ऐतिहासिक और प्रशासनिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे वक्फ संपत्तियों के वास्तविक स्वामित्व और उपयोग को लेकर स्पष्टता आ सकेगी।