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अयोध्या: सदियों तक याद रहेगा नर्वदेश्वर बाबू का संघर्ष और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान…

अयोध्या के प्रख्यात समाजसेवी और शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने वाले नर्वदेश्वर सिंह, जिन्हें प्यार से ‘बाबूजी’ कहा जाता है, का संघर्ष आज भी हजारों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, उनकी मेहनत और समर्पण से स्थापित ग्रामोदय ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट्स ने क्षेत्र और जिले में शिक्षा का दीप जलाया है.

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1998 में अयोध्या के पूरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत रामपुर सरधा में नर्वदेश्वर बाबू ने एक साधारण छप्पर से ग्रामोदय जूनियर विद्यालय की शुरुआत की. इस छोटे से प्रयास ने आगे चलकर एक बड़े सपने का रूप लिया. बाबूजी के अथक प्रयासों से यह छोटा विद्यालय एक विशाल शिक्षा संस्थान बन गया, जो आज कई पाठ्यक्रम और सुविधाएं प्रदान कर रहा है.

संस्थान का विकास:

2006: हाई स्कूल की मान्यता

2010: इंटर कॉलेज और कन्या इंटर कॉलेज की स्थापना

2007: डिग्री कॉलेज

2009: बीएड कॉलेज

2011: परास्नातक शिक्षा

2013: आईटीआई और पब्लिक स्कूल

2015: महिला विद्यालय

2023: डी फार्मा की शुरुआत

उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे बेटे:
नर्वदेश्वर सिंह के तीन पुत्र—पीएन सिंह, डॉ. संदीप सिंह, और इंजीनियर दीपक सिंह—पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए शिक्षा और समाज सेवा के इस सफर को आगे बढ़ा रहे हैं. बाबूजी की पुण्यतिथि पर हर साल प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित होता है, जिसमें छात्रों को निःशुल्क पाठ्य सामग्री दी जाती है, साथ ही, निःशुल्क चिकित्सा शिविर और कंबल वितरण जैसे कार्य भी होते हैं.

समाजसेवा में योगदान:
संस्थान सैकड़ों साधनहीन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहा है, बाबूजी के समर्पण और सेवा भावना ने समाज को एक नई दिशा दी, और उनकी विरासत आने वाले वर्षों तक लोगों को प्रेरित करती रहेगी.

नर्वदेश्वर सिंह का संघर्ष और उनकी उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि, एक व्यक्ति के दृढ़ निश्चय और सेवा भावना से समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है.

 

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