अयोध्या : रामनगरी अयोध्या से महिलाओं के सशक्तिकरण की एक नई और महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत हुई है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में महिला जनप्रतिनिधियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि महिला ग्राम प्रधानों, पंचायत सदस्यों, पार्षदों और सभासदों की कौशल क्षमता का विकास कर उन्हें आत्मनिर्भर और नेतृत्व में सक्षम बनाया जा सके.
यह घोषणा अयोध्या के अवध विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान की गई, जिसमें प्रदेशभर से 400 से अधिक महिला जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला में “शी इज ए चेंजमेकर” अभियान के तहत महिलाओं को नेतृत्व, शासन प्रणाली, संवैधानिक अधिकारों और पंचायतों की कार्यप्रणाली से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं.
विजया रहाटकर ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नारी शक्ति वंदन अधिनियम ने महिलाओं को देश की राजनीतिक मुख्यधारा में लाने की ऐतिहासिक पहल की है. अब महिलाएं न सिर्फ ग्राम स्तर पर बल्कि संसद और विधानसभा तक अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकती हैं.
उन्होंने महिला प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों को जानें और दायित्वों का पूरी निष्ठा से पालन करें, ताकि अपने-अपने क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं अब सिर्फ घर की जिम्मेदारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण की अहम धुरी बन चुकी हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा सभी जिलों में महिला जनप्रतिनिधियों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे, जहां वे अपने कार्यों और उपलब्धियों को सक्सेस स्टोरी के रूप में साझा कर सकेंगी. किसी प्रकार की अड़चन आने पर आयोग उनसे सीधे संवाद कर सहायता उपलब्ध कराएगा.
इस अवसर पर अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने कहा कि भारत में स्थानीय निकायों की समृद्ध परंपरा रही है और महिलाओं को अब इन संस्थाओं में सशक्त भागीदारी का अवसर मिल रहा है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 68% छात्राएं मेडल प्राप्त करती हैं, जो महिला प्रतिभा का स्पष्ट प्रमाण है.
कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान, उपाध्यक्ष अपर्णा यादव और चारु चौधरी, राष्ट्रीय महिला आयोग की सचिव डॉ. शिवानी डे, तथा कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही. हालांकि, प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू की उपस्थिति अपेक्षित थी, परंतु वे कार्यवश उपस्थित नहीं हो सके.
यह कार्यशाला महिला नेतृत्व को नई दिशा देने और नवभारत निर्माण में महिलाओं की भूमिका को सशक्त करने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम साबित हो रही है.