“अयोध्या हाई अलर्ट पर: पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सुरक्षा, राम मंदिर परिसर समेत संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी”

अयोध्या: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है. अति संवेदनशील माने जाने वाले धार्मिक और पर्यटन स्थल अयोध्या में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया है. राम मंदिर, रेलवे स्टेशन, रोडवेज, एयरपोर्ट और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. जिला प्रशासन और पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है.

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राम मंदिर परिसर की सुरक्षा बनी प्राथमिकता
रामनगरी अयोध्या में पहले से ही राम मंदिर निर्माण और श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए हाई अलर्ट की स्थिति रहती है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह सुरक्षा और अधिक सुदृढ़ कर दी गई है. आईजी प्रवीण कुमार स्वयं कमान संभालते हुए प्रतिदिन सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण कर रहे हैं। मंदिर परिसर के चारों ओर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है. सीआरपीएफ, एसएसएफ, पीएसी के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। इसके साथ ही एटीएस और एसटीएफ की टीमें भी संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं.

नाकेबंदी और सुरक्षा पूर्वाभ्यास में तेजी
अयोध्या में कई प्रमुख स्थानों पर नाकेबंदी की गई है, ताकि शहर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की जांच हो सके। आईजी प्रवीण कुमार के नेतृत्व में सुरक्षा एजेंसियों ने आपात स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया दी जाए, इसके लिए पूर्वाभ्यास (मॉक ड्रिल) भी कराए हैं। इन अभियासों में यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी खतरे की स्थिति में सुरक्षा बल कितनी जल्दी और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकते हैं.

आधुनिक तकनीक से लैस निगरानी व्यवस्था
अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक उपकरणों से भी सुसज्जित किया गया है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान लगाए गए फेस रिकग्निशन डिवाइस, सीसीटीवी कैमरे, और ड्रोन कैमरों को फिर से सक्रिय कर दिया गया है। ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के तहत लगाए गए 10 हजार से अधिक कैमरों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जा रही है. ड्रोन कैमरों की मदद से राम मंदिर परिसर, सरयू घाट और अन्य प्रमुख स्थानों की नियमित निगरानी की जा रही है.

एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर भी सख्ती
अयोध्या एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी गई है. यात्रियों की स्कैनिंग और सामान की जांच को लेकर अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया गया है. एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की मदद से वाहनों और लगेज की जांच की जा रही है.

खुफिया एजेंसियों की विशेष निगरानी
मिलिट्री इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), एटीएस, एसटीएफ समेत अन्य खुफिया एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया है। शहर के होटलों, लॉज, धर्मशालाओं और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। सभी गेस्ट हाउस मालिकों और होटल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना पहचान पत्र के किसी भी व्यक्ति को ठहरने न दें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.

जनता से सहयोग की अपील
आईजी प्रवीण कुमार ने अयोध्यावासियों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या प्रशासन को दें. उन्होंने कहा कि अयोध्या देश का एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जिसकी सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा सकती। जनता का सहयोग ही सबसे बड़ी सुरक्षा है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद अयोध्या में जिस प्रकार सुरक्षा व्यवस्थाएं और सतर्कता बढ़ाई गई हैं, वह प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है. राम मंदिर जैसे संवेदनशील स्थल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. अयोध्या पुलिस, खुफिया एजेंसियां और सुरक्षा बल मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शांति और सुरक्षा बनी रहे. प्रशासन के इन प्रयासों को जनता का भी पूरा सहयोग मिल रहा है, जिससे यह संदेश जाता है कि आतंक के किसी भी मंसूबे को यहां सफल नहीं होने दिया जाएगा.

 

 

 

 

 

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