Uttar Pradesh: अयोध्या के माधव भवन में अरविंदो सोसायटी के उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश दो दिवसीय राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया, सम्मेलन के पहले दिन भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सनातन धर्म और श्रीराम पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित किया.
राम मंदिर और भारत की आर्थिक प्रगति
सुधांशु त्रिवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन का भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए बताया कि, 1991 में जब बाबरी ढांचा खड़ा था, तब देश की अर्थव्यवस्था 1 मिलियन डॉलर से भी नीचे थी और भारत को अपना सोना तक गिरवी रखना पड़ा था. लेकिन जब रामलला को अस्थायी मंदिर में स्थापित किया गया, तो अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधरने लगी.
उन्होंने कहा कि जब 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया, तब भारत की अर्थव्यवस्था 500 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी। और अब जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ, तो यह 600 मिलियन डॉलर तक हो गई है.
अयोध्या के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर चर्चा
महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि, अयोध्या अपनी सांस्कृतिक भूमिका को सशक्त रूप से निभाने की दिशा में अग्रसर है। भगवान श्रीराम केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि वे मानवता की असीम संभावनाओं के द्योतक भी हैं.
सम्मेलन में कई गणमान्य अतिथि हुए शामिल
इस अवसर पर अरविंदो सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु प्रकाश गोयल ने संस्था के उद्देश्यों और संगठन की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। प्रदेश सचिव अनीता बंसल ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच पर पूर्वांचल अध्यक्ष राम धीरज तिवारी, अयोध्या शाखा के राम प्रकाश दुबे, प्रो. असीम मिश्र सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं.
इसके अलावा राज मोहन मनूचा गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने भी इस आयोजन में सक्रिय सहयोग दिया। अतिथियों का स्वागत करने वालों में प्रज्ञा सिंह, मनीषा, मंजूषा समेत कई अन्य सदस्य शामिल रहे.
अयोध्या को मिलेगा वैश्विक पहचान
सम्मेलन के दौरान वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक विकास का प्रतीक बन चुका है। इससे अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी और पर्यटन, व्यापार व रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.