Uttar Pradesh: अयोध्या राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने लखनऊ पीजीआई में अंतिम सांस ली. उनके निधन से अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई है. आज उनकी अंतिम यात्रा को पूरे अयोध्या में भ्रमण कराया गया और फिर सरयू नदी में जल समाधि दी गई.
भव्य अंतिम यात्रा, अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब
आचार्य सत्येंद्र दास की अंतिम यात्रा को लेकर पहले से ही तैयारियां की जा रही थीं. उनके पार्थिव शरीर को फूलों से सजे रथ पर रखा गया और अयोध्या के प्रमुख स्थानों से होते हुए सरयू नदी तक ले जाया गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालु उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शामिल हुए.
अयोध्या में शोक की लहर, नेताओं और संतों ने जताया दुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और कई संतों ने उनके निधन पर शोक जताया. राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े साधु-संतों ने इसे अयोध्या के लिए बड़ी क्षति बताया.
राम मंदिर आंदोलन के गवाह थे आचार्य सत्येंद्र दास
आचार्य सत्येंद्र दास राम मंदिर आंदोलन के एक महत्वपूर्ण गवाह थे. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे रामलला को गोद में लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे थे. रामलला जब टेंट में थे, तब भी वे उनकी सेवा में लगे रहे, और जब भव्य मंदिर में विराजमान हुए, तब भी उन्होंने अपनी सेवाएं जारी रखीं.
संत कबीरनगर में हुआ था जन्म
आचार्य सत्येंद्र दास का जन्म 20 मई 1945 को संत कबीरनगर में हुआ था. बचपन से ही वे भक्ति मार्ग की ओर आकर्षित थे. उनके पिता अयोध्या जाया करते थे, जिससे वे भी राम भक्ति की ओर बढ़ते चले गए और अंततः अपना पूरा जीवन भगवान श्रीराम की सेवा में समर्पित कर दिया.
उनकी मृत्यु से राम भक्तों और अयोध्यावासियों को गहरी क्षति पहुंची है. श्रद्धांजलि!