अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन किया गया, जिसमें समारोह से जुड़े समग्र अनुभवों को संजोया गया है. यह स्मारिका विशेष रूप से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि, 22 जनवरी (पौष शुक्ल द्वादशी), को इतिहास के पन्नों पर अंकित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस ऐतिहासिक दिन के बारे में जान सकें.
राम मंदिर ट्रस्ट ने इस समारोह को यादगार बनाने के लिए 250 पृष्ठों की स्मारिका तैयार की है, जिसमें अयोध्या सहित देश भर के 90 संतों और धर्माचार्यों के अनुभवों को समाहित किया गया है। इस दौरान उन संतों के मन में क्या भावनाएं थीं, इसका भी उल्लेख किया गया है.साथ ही, प्राण प्रतिष्ठा समारोह की यात्रा, इसकी तैयारी, और इस विशेष दिन तक पहुंचने के लिए किए गए बलिदानों और संघर्षों का भी विस्तृत वर्णन किया गया है. स्मारिका में मंदिर आंदोलन से जुड़े अहम घटनाओं और उच्च न्यायालय के उस निर्णय का उल्लेख भी किया गया है, जो बाद में सुप्रीम कोर्ट जाने का आधार बना.
विमोचन समारोह का आयोजन सोमवार को कारसेवक पुरम में एक भव्य कार्यक्रम में किया गया। इस अवसर पर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने समारोह की प्रमुख विशेषताओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समारोह में देश भर से 800 मेहमान शामिल हुए थे, और यह स्मारिका उनके अनुभवों को संजोने का कार्य करती है.
इस कार्यक्रम में विहिप के धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने संचालन किया. कार्यक्रम में जगद्गुरु श्रीधराचार्य, महंत वैदेही वल्लभ शरण, महंत मुरली दास, महंत धर्मदास, महंत गौरी शंकर दास, महंत गिरीश दास, महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र, राम मंदिर ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र और विधायक अभय सिंह जैसे प्रमुख लोग मौजूद रहे.
इसके अलावा, दक्षिण भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता प्रशांत गोपाल शास्त्री ने अपनी पत्नी हेमा के साथ श्रीरामलला के समक्ष भक्तिमय भरतनाट्यम प्रस्तुति दी. इस दौरान ‘श्रीराम चन्द्र कृपालु भजमन’ और हनुमान चालीसा पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने उपस्थित सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.