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अयोध्या: मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम, गर्भगृह में अंगीठी की व्यवस्था

अयोध्या: तेज़ हवाओं और बढ़ती ठंड ने रामनगरी को अपनी चपेट में ले लिया है. ऐसे में न केवल आम नागरिक, बल्कि मंदिरों में विराजमान देवी-देवताओं को भी ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.

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मंदिरों में सर्दी से बचाने की व्यवस्था

अयोध्या के प्रमुख मंदिरों जैसे राम मंदिर, कनक भवन, हनुमान गढ़ी, और मणिराम दास छावनी में भगवान को गरम कपड़े पहनाए जा रहे हैं. गर्भगृह में कोयले की अंगीठी, ब्लोअर, और हीटर का उपयोग कर तापमान बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.

 

 

गरम पानी और गरम कपड़े

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान को रोज सुबह गरम पानी से स्नान करवाया जा रहा है। इसके बाद उन्हें गरम ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं. रात में शयन के दौरान रजाई ओढ़ाई जाती है.

विशेष भोग और पूजा-पद्धति में बदलाव

मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के साथ ही विविध गरम व्यंजनों जैसे मेवे, दूध और विशेष मिठाइयों का भोग लगाया जा रहा है. पूजा-पद्धति में भी बदलाव करते हुए भक्तों के लिए सुबह और शाम के समय को अनुकूल बनाया गया है.

 

 

भक्तों का विश्वास

राम हर्षण कुंज मंदिर के महंत कामेश्वर दास का कहना है कि जैसे इंसानों को ठंड लगती है, वैसे ही प्रभु को भी ठंड लग सकती है. यही कारण है कि गर्भगृह को गर्म रखने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं.

पारंपरिक और आधुनिक उपायों का संगम

अयोध्या के मंदिरों में आज भी पारंपरिक कोयले की अंगीठियों का उपयोग किया जा रहा है. वहीं, आधुनिक हीटर और ब्लोअर जैसे साधन भी लगाए गए हैं. यह भक्तों की श्रद्धा और भक्ति का अनोखा उदाहरण है.

 

समर्पण और सेवा का प्रतीक

ठंड से बचाव के इन प्रयासों ने न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को मजबूत किया है, बल्कि यह दिखाया है कि भगवान के प्रति उनकी सेवा और समर्पण किसी भी मौसम में कम नहीं होती.

 

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