अयोध्या: आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) से जुड़े अब्दुल रहमान के स्थानीय नेटवर्क को लेकर जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, दो मार्च को हरियाणा के फरीदाबाद से ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किए गए रहमान के संपर्कों और फंडिंग स्रोतों की गहराई से जांच की जा रही है, शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि रहमान जमात के जरिए आतंकियों के संपर्क में आया और कट्टरपंथ की राह पर चला.
जमाती नेटवर्क पर कड़ी नजर
सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि रहमान को जमात में शामिल करने वाला मास्टरमाइंड कौन था. परिवारवालों के बयान के मुताबिक, हाफिज उस्मान नाम का व्यक्ति उसे जमात में लेकर गया था, माना जा रहा है कि आतंकी संगठनों से जुड़े लोग जमात के नाम पर मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे हैं और अयोध्या में आतंकी मॉड्यूल तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं.
राम मंदिर पर आतंकी साजिश का था हिस्सा?
सूत्रों के मुताबिक, रहमान का इस्तेमाल राम मंदिर पर हमले की साजिश में किया जा रहा था। इससे पहले भी अयोध्या में आतंकी हमले हो चुके हैं, जैसे 2005 का राम जन्मभूमि हमला और 2007 का कचहरी सीरियल ब्लास्ट। सुरक्षा एजेंसियां पहले भी कई संदिग्धों को पकड़ चुकी हैं, लेकिन उनके स्थानीय नेटवर्क की पूरी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.
आर्थिक लेन-देन की जांच जारी
रहमान और उसके परिवार के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है, जिससे कुछ अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, दिल्ली के मरकज में उसके संपर्कों की भी जांच हो रही है। हरियाणा पुलिस ने उसे 10 दिनों की रिमांड पर लिया है और उसके बयान के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
जांच एजेंसियां सतर्क, नए खुलासों की संभावना
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस नेटवर्क से और भी कई लोग जुड़े हो सकते हैं, इस मामले में जल्द ही नए खुलासे होने की संभावना है, रामनगरी में आतंकी मॉड्यूल को खत्म करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं.