अयोध्या के राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का निधन, पूरे अयोध्या में शोक की लहर

अयोध्या: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के वरिष्ठ सदस्य और अयोध्या राज परिवार के अगुआ राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का शनिवार देर रात निधन हो गया. लगभग 75 वर्ष की आयु में उन्होंने अयोध्या धाम स्थित राज सदन (राजमहल) में अंतिम सांस ली. उनके निधन से पूरे अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई.

समूची अयोध्या में राजा साहब के नाम से लोकप्रिय बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को कुछ महीने पहले पैर में चोट लगी थी और उसका ऑपरेशन भी हुआ था. इसके बाद से उनकी सक्रियता सीमित हो गई थी. हाल ही में उनकी रीढ़ की हड्डी का भी ऑपरेशन हुआ था और तीन दिन पहले ही लखनऊ से चेकअप कर लौटे थे. शनिवार रात अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिवार और डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.

बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास में उन्हें सबसे पहले वरिष्ठ सदस्य नामित किया गया था. ट्रस्ट की जिम्मेदारी उन्हें अयोध्या के कमिश्नर द्वारा सौंपी गई थी. वह श्री प्रताप धर्म सेतु ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रहे.

राजा अयोध्या ने राजनीति में भी कदम रखा था और बहुजन समाज पार्टी से अयोध्या लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उत्तर प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक के कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों और राजनेताओं से उनके करीबी संबंध रहे.

उनके पुत्र यतींद्र मोहन प्रताप मिश्र प्रख्यात कवि और संगीत अध्येता हैं. उन्होंने गायिका लता मंगेशकर पर लिखी किताब “लता: सुर-गाथा” के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया था.

अयोध्या राज परिवार के अनुज शैलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र चुन्नू ने जानकारी दी कि शनिवार रात करीब 11 बजे उनका ब्लड प्रेशर अचानक डाउन हो गया और उपचार के प्रयासों के बावजूद उनका निधन हो गया.

अयोध्या के लोग और प्रशासनिक अधिकारी देर रात राजमहल पहुंचकर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे.

 

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