छत्तीसगढ़ में बर्खास्त किए गए B.Ed सहायक शिक्षक पिछले 113 दिन से एडजस्टमेंट की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार की रात अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों ने अंगारों पर चलकर प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा कि सरकार सेवा सुरक्षा दे या हमें इच्छा मृत्यु दे दे।
इस दौरान महिला टीचर्स ने कहा कि जैसे सतयुग में अपनी सत्यता को सिद्ध करने के सीता माता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। वैसे ही आज हमें भी अंगारों पर चलकर अग्नि परीक्षा देनी पड़ रही है। शिक्षक अपने हाथों में तख्ती लेकर चल रहे थे, जिसमें लिखा था सरकार हम निर्दोष शिक्षकों की गलती बताए।
अंगारों पर चलकर अग्नि परीक्षा देनी पड़ रही- टीचर्स
महिला टीचर्स ने कहा कि 113 दिनों से हम संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कोई भी प्रतिनिधि हमारी सुध लेने नहीं आया है। कमेटी के नाम पर हमें ठगा जा रहा है। इस प्रदर्शन के जरिए हम सरकार को बताना चाहते हैं कि हम कितने तकलीफ में हैं।
अंगारों पर चलकर हमारे पैर उतने नहीं जितना सरकार की उदासीनता से जल रहे हैं। अंगारों पर चलकर हमनें माता रानी को मनाने की कोशिश की है। और मन्नत मांगी है कि माता की कृपा हो जाए सरकार को सद्बुद्धि दे दे और सरकार जल्द हमारे समायोजन का निर्णय ले।
हम गलत कदम उठाने पर मजबूर
एक महिला शिक्षिका ने कहा कि हमारी स्थिति ऐसी हो गई है कि हम कभी भी गलत कदम उठा सकते हैं। 113 दिन से घर से बाहर रहकर हम तूता धरना स्थल में प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार हमारी मांगों को लेकर अब तक फैसला नहीं ले पाई है।
सरकार से हमारी मांग है कि हमें हमें नौकरी सुरक्षा दे या हमें इच्छा मृत्यु दे दे। हम क्या करें अब हमें समझ नहीं आ रहा है। अगर हम कुछ भी कदम उठाएंगे तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की रहेगी ।
मांगों को अनदेखा क्यों किया जा रहा?
महिला शिक्षिका ने कहा कि नवरात्रि के दौरान हमने चुनरी यात्रा निकालकर मां दुर्गा की आराधना की है और अब अंगारों पर चलकर भी हम अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी हमारी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है।