मध्य प्रदेश के छतरपुर के बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर से पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं. उनकी ये यात्रा 400 से भी ज्यादा गांवों से निकलेगी. इस यात्रा की शुरुआत नवंबर महीने से होने जा रही है, जो एक दो नहीं बल्कि तीन राज्यों से होकर गुजरेगी. इनमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से होकर ये यात्रा निकलेगी. बाबा बागेश्वर ने हरियाणा के पानीपत में ही इस यात्रा का ऐलान किया था, जब वह पानीपत में एक कथा सुना रहे थे.
बाबा बागेश्वर की ये यात्रा 131 किलोमीटर की होगी. उनकी यात्रा का मकसद भारत को पूरी तरह से हिंदू राष्ट्र बनाने का है. उन्होंने इससे पहले भी पदयात्रा की थी. उनकी पहली पदयात्रा पिछले साल नवंबर में ही की थी. इस बार भी उनकी यात्रा नवंबर में ही शुरू होने जा रही है. बाबा बागेश्वर ने कहा कि वह ऐसे गरीब लोगों तक पहुंचना चाहते हैं, जो उनके धाम नहीं आ पाते हैं.
तीन दिवसीय हनुमंत कथा का आयोजन
बागेश्वर महाराज की श्री हनुमंत कथा का हरियाणा कपड़ा नगर, पानीपत में तीन दिवसीय आयोजन किया जा रहा है. कथा के प्रथम दिवस में कथा आयोजन समिति नगरवासी और शिक्षा मंत्री हरियाणा महिपाल टंडा पहुंचे. 3 दिवसीय कथा सुंदरकांड की एक चौपाई पर की जा रही है. यहां बागेश्वर महाराज ने कथा की शुरुआत से पहले अपनी इसी दूसरी पैदल यात्रा की घोषणा की. पहली सनातन हिंदू एकता पद (पैदल) यात्रा 160 किलोमीटर, पिछले साल नवंबर महीने में निकाली गई थी. उनकी पदयात्रा में लाखों की संख्या में हिंदू सनातनी और व्यास पीठ, राजपीठ, फिल्म जगत, उद्योग जगत, समाज सेवी समेत हर तरह के लोग शामिल हुए थे.
5 करोड़ की आबादी वाले क्षेत्र से गुजरेगी
अब 2025 में दूसरी पद यात्रा की बागेश्वर महाराज ने मंच से घोषणा की है. ये यात्रा 7 नवंबर से शुरू होगी, जो 10 दिवसीय यात्रा होगी. यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के 400 गांवों में 5 करोड़ की आबादी वाले क्षेत्र से गुजरेगी. 10 दिन की हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए पैदल यात्रा निकली जाएगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन अस्थिर है. इस पदयात्रा का मकसद भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है और बड़े लोग तो VIP प्रोटोकॉल लगाकर, पुलिस के साथ आ जाते हैं, लेकिन दीन-हीन बेचारे गरीब लोग मिल नहीं पाते. वह किराया न होने के कारण बागेश्वर धाम पहुंच नहीं पाते. अब हम पैदल चलकर उनके घर जाएंगे और उन्हें गले लगाएंगे.
बागेश्वर महाराज ने साधा निशाना
बागेश्वर महाराज ने कहा कि हालिउल्लाह वाले कान खुलकर सुन लो कान खोल कर हम वह हिन्दू हैं. गोली खा लेते हैं कलमा नहीं पड़ते. सर कटा लेते हैं लेकिन वतन को मिटने नहीं देते. तुम 10 रुपए के पीछे दुकान का नाम बदलकर चलाते हो. हम जैसे है वैसे ही रहेंगे. तब तक नहीं बैठेंगे, जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा. जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं होगा. तब तक हम आंदोलन, नहीं आंदोलित करेंगे हिंदुओं को.