दौसा : श्रावण मास की शुरुआत पर शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने दौसा स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की.लोगो ने भगवान शिव का जल और दुग्ध से अभिषेक किया.मंदिर में सुबह से वैदिक मंत्रों की ध्वनि गूंज रही थी. शिव भक्तो ने विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा की.राजस्थान के दौसा शहर देवनगरी के नाम से पहचाना जाता है.
दौसा का इतिहास बहुत पुराना और गौरवशाली है यहां के 5 मंदिर प्रमुख और प्रसिद्ध है नीलकंठ महादेव मंदिर पहाड़ी पर और सबका राजा नीलकंठ बाबा को कहा जाता बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते है और पूजा-अर्चना करते हैं भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं दौसा जिले का यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है.
दौसा को देवनागरी क्यों कहा जाता
दरअसल दौसा शहर मे पांच महादेव विराजमान हैं. सोमनाथ महादेव, गुप्तेश्वर महादेव, बैजनाथ महादेव, सहजनाथ महादेव और इन सब का राजा बाबा नीलकंठ जो पहाड़ी पर विराजमान हैं राजा महाराजाओं के समय के ये 5 मंदिर दौसा को देवनगरी बनाते हैं.
दौसा नाम की मान्यता
दौसा नाम के पीछे क्या किवदंती है नीलकंठ की पहाड़ी के नीचे खड़े होने पर यह पहाड़ गणित के 2 अंक के जैसा दिखाई देता है. इसलिए इसका नाम दौसा पड़ा 2 की जैसी आकृति में यह पहाड़ बना हुआ है.
नीलकंठ महादेव मंदिर नीलगिरि पहाड़ी पर करीब 350 फीट की ऊंचाई पर स्थित है दौसा के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि 7 वीं सदी में कच्छावा राज्य वंश के राजा सोढ़देव ने यह मंदिर का निर्माण कर बनाया था मंदिर में नीलकंठ महाकाल (भूतनाथ) के शिवलिंग स्थापित किए गए नीलकंठ महादेव, दौसा के प्राचीन मंदिरों में से एक महादेव शिव का मंदिर है इसलिए दौसा का राजा भी कहा जाता है यह मंदिर अरावली पर्वत शृंखला की नीलगिरि पहाड़ी पर स्थित है.
मंदिर में एक बड़े पत्थर का शिवलिंग है मंदिर में जाने के लिए दौसा शहर के पूर्वी हिस्से बने सूप आकार के विशाल किले के हाथीपोल दरवाजे में होकर साढ़े 365 सीढियां बनीं हुई हैं इस मंदिर के समीप ही प्राचीन किला है, जो कि वर्तमान में देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त हो चुका है
बाबा नीलकंठ पूरी करते हैं मनोकामना
मंदिर समिति के अध्यक्ष रोशन जोशी ने बताया की लोगों की आस्था के केन्द्र नीलकंठ महादेव मंदिर में सावन के महिने के अवसर रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है फूल बंगला झांकियों से सजाया जाता है जिसके बाद लाखों की संख्या में भक्त बाबा नीलकंठ के दरबार में अपनी-अपनी अर्जी लगाने पहुंचेंगे कहा तो यह भी जाता है कि बाबा नीलकंठ के दरबार में जो भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करके आता है, बाबा नीलकंठ मनोकामना पूरी करते हैं.