सैफई : थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरौली कला में शनिवार तड़के अंबेडकर की मूर्ति स्थापित किए जाने को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया.देखते ही देखते गांव में तनाव का माहौल बन गया और हालात काबू में करने के लिए सैफई, वैदपुरा, बसरेहर और चौबिया थानों की पुलिस फोर्स मौके पर बुलानी पड़ी.सीओ सैफई रामगोपाल शर्मा और तहसीलदार जावेद अंसारी भी घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे.
जानकारी के अनुसार बरौली कला गांव के जाटव समाज के केदार सिंह ग्राम समाज की जमीन पर करीब 20 वर्षों से काबिज बताए जाते हैं.उन्होंने इस जमीन को अपने नाम घरौनी में दर्ज करा लिया है.दूसरी ओर, इसी गांव के जाटव समाज के अन्य लोग पिछले लगभग 10 वर्षों से इसी जमीन पर अंबेडकर की मूर्ति लगाने के प्रयास में थे.इस मुद्दे को लेकर पूर्व में भी कई बार विवाद हो चुका है और पुलिस ने शांति भंग की आशंका में कार्रवाई की थी.
शनिवार तड़के करीब 4 बजे ग्रामीणों ने मौके पर अंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी.इसकी भनक लगते ही दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गई और तनाव बढ़ता चला गया.सूचना पाकर थाना सैफई के प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र राठी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे.हालात को देखते हुए अन्य थानों की फोर्स भी बुला ली गई.
करीब चार घंटे तक हंगामा चलता रहा.इस दौरान एक पक्ष के पुरुष ग्रामीण मौके से गायब हो गए, जबकि महिलाएं आगे आकर मूर्ति को पकड़कर बैठ गईं और हटाने का विरोध करती रहीं.गीता पत्नी दयाशंकर, रूबी पत्नी जितेंद्र समेत कई महिलाएं मौके पर डटी रहीं.प्रशासन ने नियम विरुद्ध बताते हुए मूर्ति को हटवाया और बोलेरो पिकअप गाड़ी से सुरक्षित थाने पहुंचा दिया.
दयाशंकर पुत्र गया प्रसाद ने आरोप लगाया कि यह जमीन सरकारी अभिलेखों में आबादी की जमीन दर्ज है और केदार सिंह ने फर्जी तरीके से लेखपाल से मिलकर इसे घरौनी में दर्ज करा लिया है.दयाशंकर का कहना है कि जाटव समाज की ओर से पहले जिलाधिकारी और एसडीएम के सामने भी मूर्ति लगाने की मांग रखी गई थी.इसी कारण समाज के लोगों ने वहां अंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी.
वहीं दूसरे गुट से केदार सिंह पुत्र मोतीलाल और हिमांशु पुत्र केदार को पुलिस ने हिरासत में लेकर शांति भंग की कार्रवाई की है.प्रशासन का कहना है कि ग्राम समाज की जमीन पर बिना अनुमति मूर्ति लगाना नियम विरुद्ध है। फिलहाल गांव में पुलिस बल तैनात है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है.