छत्तीसगढ़ के रायपुर नगर निमग में राशन कार्ड बनाने देने के नाम पर रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। यहां नगर निगम का अधिकारी लोगों से बीपीएल और एपीएल राशन कार्ड बनाने के नाम पर घूस लेता पकड़ा गया है। सहायक राजस्व निरीक्षक माधव अवधिया गरीबों से राशन कार्ड देने के नाम पर 50 रुपये 100 रुपये घूस लेते पकड़ाया है।
दरअसल, यह मामला रायपुर नगर निगम के जोन-2 कार्यालय है। इस मामले में लोगों का कहना है कि यह पूरा खेल मिलीभगत से किया जा रहा है। वहीं, जोन-2 के अन्य कर्मचारियों का कहना है कि माधव अवधिया पर काम की लापरवाही और घूस लेने का पहले भी मामला आया था। वे इसी वजह से सस्पेंड भी हो चुके हैं। एक बार फिर निगम कर्मी अवधिया के घूस लेने का मामला सामने आया है।
बीपीएल मुफ्त और एपीएल के लिए 10 रुपये का प्राविधान
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि लोगों को बीपीएल कार्ड मुफ्त में देने का प्राविधान है। वहीं, एपीएल राशन कार्ड में सिर्फ 10 रुपये लेने का प्राविधान है। लेकिन यहां लोगों से अधिकारी जितना हो सके उतनी रिश्वत वसूल रहे हैं। कम से 50 से 100 रुपये तो लिया ही जा रहा है। अगर कोई पैसा नहीं देता है तो उसका कार्ड लटकाने का काम किया जा रहा है। जिस परेशानी से बचने के लिए लोग पैसे देने का मजबूर हो रहे हैं।
मिलीभगत से हो रहा काम
इस मामले को लेकर वार्ड पार्षद अनवर हुसैन का कहना है कि नगर निगम का राजस्व विभाग सबसे भ्रष्ट विभाग है। यहां लोगों से राशन कार्ड के लिए वसूली की जा रही है। वहीं, इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक सभी अधिकारी मिले हैं। किसी एक अधिकारी के अकेले की हिम्मत नहीं है कि वह खुलेआम वसूली कर सके। उनका कहना है कि जाेन में राशन कार्ड वितरण की जिम्मेदारी चार से पांच अधिकारियों को दी गई, ऐसे में अगर एक आदमी वहीं रिश्वत ले रहा है तो बाकी लोगों को भी तो इसकी जानकारी है ही। इसके बाद भी खुलेआम रिश्वत ली जा रही है।
नगर निगम रायपुर के जोन-2 कमिश्नर आरके डोंगरे ने कहा, जोन-2 कार्यालय में रिश्वत लेने की शिकायत मिली, इस संबंध में जांच कराई जाएगी।