दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंडियन प्रीमियर लीग (ipl) के अंडर द टेबल सौदों का पर्दाफाश किया है. दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन रविचंद्रन अश्विन ने csk (चेन्नई सुपर किंग्स) को लेकर नया दावा किया है. इसमें उन्होंने कहा डेवाल्ड ब्रेविस को ‘अंडर द टेबल’ भुगतान किया. डेवाल्ड ब्रेविस को क्रिकेट जगत में ‘बेबी डिविलयर्स’ के नाम से जाना जाता है.
ब्रेविस csk में चोटिल तेज गेंदबाज गुरजपनीत सिंह की जगह साइन किए गए थे. अश्विन ने दावा किया कि वह टीम में csk में 2.2 करोड़ रुपये में आए थे
ब्रेविस csk में चोटिल तेज गेंदबाज गुरजपनीत सिंह की जगह साइन किए गए थे. अश्विन ने दावा किया कि वह टीम में csk में 2.2 करोड़ रुपये में आए थे. अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि कई टीमें ब्रेविस को रिप्लेसमेंट के तौर पर लेना चाहती थीं, लेकिन अब बातचीत के बाद csk ने उसके एजेंट्स को ज्यादा पैसे देकर उसे साइन कर लिया था.
अश्विन ने तर्क दिया कि ब्रेविस जैसे खिलाड़ी जानते हैं कि नीलामी में उन्हें बेस प्राइस से ज्यादा पैसा मिलेगा, इसलिए उनके पास सौदेबाजी करने की क्षमता होती है.
अश्विन ने अपने यूट्यूब वीडियो में कहा- मैं आपको ब्रेविस के बारे में कुछ बताता हूं. पिछली IPL में उन्होंने CSK के साथ अच्छा समय बिताया. कुछ टीमें उनसे बात कर रही थीं, लेकिन ज्यादा दाम के कारण पीछे हट गईं. जब उन्हें रिप्लेसमेंट के तौर पर लेना था, तो बेस प्राइस पर साइन होना था. लेकिन होता ये है कि आप एजेंट से बात करते हैं और खिलाड़ी कहता है, अगर मुझे थोड़े extra पैसे दोगे तो मैं आ जाऊंगा
अश्विन ने बताया ब्रेविस ने कैसे किया काम
उन्होंने आगे कहा- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खिलाड़ी को पता होता है कि अगर उसे अगले सीजन में रिलीज किया गया, तो नीलामी में अच्छा पैसा मिलेगा. इसलिए उसका कहना था, अभी अच्छा पैसा दो, नहीं तो मैं अगले साल ज्यादा में चला जाऊंगा. CSK ने उसे पैसा देने के लिए हामी भर दी, इसलिए वो आया. सीजन के दूसरे हिस्से में CSK का कॉम्बिनेशन मजबूत था. अब वे IPL 2026 की मिनी ऑक्शन में 30 करोड़ रुपये के साथ जाएंगे.
IPL में कैसे हुई ब्रेविस की CSK में एंट्री
IPL 2025 के बीच 18 अप्रैल को CSK ने ब्रेविस को टीम में शामिल किया. उस समय चेन्नई की बल्लेबाजी लाइन-अप कमजोर थी और उन्हें नए खिलाड़ियों की सख्त जरूरत थी. टीम ने आयुष म्हात्रे और ब्रेविस को रिप्लेसमेंट के तौर पर लिया, जिससे सीजन के आखिरी कुछ मैचों में उन्हें अच्छा फायदा मिला.
तब IPL के बयान में दिया था- चेन्नई सुपर किंग्स ने साउथ अफ्रीका के डेवाल्ड ब्रेविस को चोटिल गुरजपनीत सिंह की जगह टीम में लिया. ब्रेविस पहले मुंबई इंडियंस का हिस्सा रह चुके हैं, जहां उन्होंने 10 मैच (2022 और 2024 सीजन) खेले थे. वह CSK से 2.2 करोड़ रुपये में जुड़ेंगे. IPL 2025 में ब्रेविस ने सिर्फ 6 मैचों में 225 रन बनाए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल थे. उनका स्ट्राइक रेट 180 रहा.
क्या डेवाल्ड ब्रेविस को एक्स्ट्रा पैसा देना ठीक या गलत?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में एक मजबूत नीलामी सिस्टम है, जिसमें टीमों को तय बजट दिया जाता है ताकि वे अपनी स्क्वॉड बना सकें. टीमों के बीच बैलेंस बनाए रखने के लिए एक न्यूनतम खिलाड़ियों की संख्या पूरी करनी होती है. लेकिन “अंडर-द-टेबल” डील्स का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह तय बजट (जो इस समय 120 करोड़ रुपये है) का पूरा मकसद खत्म कर देता है.
अगर अश्विन सही कह रहे हैं, तो जो टीमें गुप्त डील करती हैं, उन्हें नीलामी में फायदा मिल जाता है, क्योंकि वे खिलाड़ियों को उनके बाजार मूल्य से कम दाम में साइन कर लेती हैं.
ब्रेविस के मामले में, CSK ने आधिकारिक तौर पर 2.2 करोड़ रुपये दिए, लेकिन असल रकम इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. अगर बाकी टीमें भी खिलाड़ियों के साथ ऐसे डील करती हैं, तो कहानी बिल्कुल अलग हो जाएगी. किसी भी हाल में अश्विन के आरोप फ्रेंचाइजी मॉडल में खामियां दिखाते हैं, जिन्हें शायद BCCI को देखना चाहिए.