बेबी पेंगुइन को दिया जाए मराठी नाम… BJP नेता की मांग

महाराष्ट्र में धरतीपुत्र की राजनीति, जो अब तक इंसानों तक ही सीमित थी, लेकिन उसने एक दिलचस्प मोड़ तब ले लिया है जब बीजेपी नेताओं ने मांग की कि शहर के चिड़ियाघर में पैदा हुए पेंगुइन के बच्चों को मराठी नाम दिया जाए. नेताओं का तर्क है कि उड़ने में असमर्थ पक्षी जन्म से ही महाराष्ट्र के निवासी हैं, ऐसे में इन तीनों पेंगुइन के बच्चों के नाम मराठी रखे जाए.

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भायखला विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी नेता नितिन बानकर का कहना है ‘जब पेंगुइन को विदेश से वीरमाता जीजाबाई भोसले बॉटनिकल उद्यान और चिड़ियाघर (जिसे आमतौर पर रानी बाग के नाम से जाना जाता है) में लाया गया, तो हमने स्वीकार किया कि उनके नाम अंग्रेजी में होंगे. उन्होंने कहा कि अब महाराष्ट्र की धरती पर पैदा हुए चूजों को मराठी नाम दिया जाना चाहिए.

‘पेंगुइन चूजों को मराठी नाम क्यों नहीं दिया जा सकता’

बानकर ने दावा किया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से बार-बार की गई अपील अनसुनी कर दी गई. उन्होंने कहा कि दावा किया, हम अपनी मांग पर अड़े रहे, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया. मैंने बीएमसी प्रशासन को भी पत्र लिखा था, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया’. बांकर ने कहा कि अगर मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल गया है, तो कुछ पेंगुइन चूजों को मराठी नाम क्यों नहीं दिए जा सकते?.

मार्च में 2 जोड़ों ने 3 पेंगुइन बच्चों को दिया जन्म

दरअसल मार्च की शुरुआत में बायकुला के चिड़ियाघर में हम्बोल्ट पेंगुइन के दो जोड़ों ने तीन पेंगुइन बच्चों को जन्म दिया, जो एक साल से ज़्यादा समय में पहली बार हुआ. 3 मार्च को पहले जोड़े ऑलिव और पोपेय ने अपने नवजात बच्चे नोड्डी का स्वागत किया. ये दोनों, जो लंबे समय से बायकुला चिड़ियाघर में रह रहे हैं. वहीं डेज़ी द्वारा दो अंडे दिए जाने के बाद 7 मार्च को टॉम और 11 मार्च को पिंगू का जन्म हुआ.

कार्टून कैरेक्टर पर रखे गए नाम

चूजों के जन्म के बाद चिड़ियाघर में जश्न का माहौल है. सभी तीनों चूजों का नाम कार्टून कैरेक्टर पर रखा गया है. चिड़ियाघर के जीवविज्ञानी डॉ. अभिषेक साटम ने बताया कि तीनों बच्चे और उनकी माताएं स्वस्थ हैं. नन्हें शिशुओं का खासतौर पर ख्याल रखा जा रहा है. इन तीन पेंगुइन शिशुओं के जन्म के बाद पेंगुइन की कुल संख्या 21 हो गई.

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