महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर में दो स्कूली बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के मामले की जांच कर रही SIT आरोपी अक्षय शिंदे के घर पहुंची. वो खरवई गावदेवी इलाके में रहता है, जहां उसके घर में ताला लगा हुआ था. SIT ने ताला खोला और अंदर सुराग खोजने का काम किया. अक्षय का मोबाइल फोन भी ढूंढा गया, जिससे कई खुलासे हो सकते हैं. इस तहकीकात के दौरान कई अहम सबूत हाथ लगने की संभावना जताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, SIT की टीम आरोपी अक्षय शिंदे के घर तकरीबन 45 मिनट तक रही, जिसके बाद वापस लौट गई. जांच पड़ताल में कुछ अहम दस्तावेज और अक्षय के मोबाइल की तलाश की जा रही थी. इस दौरान आरोपी भी उनके साथ था, जो कि रूमाल से अपना चेहरा ढंक रखा था. आरोपी को फिलहाल 26 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रखा गया है. बताया जा रहा है उसकी दो शादियां हो चुकी हैं. पहली पत्नी ने उसे छोड़ दिया था.
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पहली पत्नी के छोड़ने के 4 महीने बाद ही उसने दूसरी शादी कर ली थी. हालांकि, उसकी आदतों की वजह से दूसरी पत्नी ने भी उसे छोड़ दिया. उस पर आरोप है कि उसने 16 अगस्त को स्कूल के बाथरूम में दो बच्चियों के साथ यौन-शोषण किया था. पीड़ित बच्चियों के घर वालों ने एक दिन बाद इस मामले में केस दर्ज करवाया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को POCSO एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया था. कई लोगों पर कार्रवाई की गई है.
इसके तहत इलाके की महिला इंस्पेक्टर शुभदा शितोले का ट्रांसफर कर दिया गया. इतना ही नहीं स्कूल प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला कर्मचारी को निलंबित किया गया. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर लिखा था, “बदलापुर पुलिस स्टेशन से जुड़े वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, सहायक उपनिरीक्षक और हेड कांस्टेबल को कर्तव्य में लापरवाही के लिए तत्काल निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं.”
इस मामले के उजागर होने के बाद लोगों ने भयंकर बवाल किया था. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि राज्य सरकार ने जांच के लिए महानिरीक्षक रैंक की भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी आरती सिंह को नियुक्त किया है. हम इस मामले में जल्द से जल्द आरोपपत्र दाखिल करना चाहते हैं और इस मामले को सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट के समक्ष रखना चाहते हैं.
इस सप्ताह के शुरूआत में इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था. प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और ‘रेल रोको’ के दौरान स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पथराव भी किया. इस प्रदर्शन में स्कूली बच्चों के अभिभावक और स्थानीय नागरिक, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं. उन्होंने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई और घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की थी. इसके बाद सरकार हरकत में आई थी.
पुलिस ने बताया था कि महिलाओं समेत कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्कूल का गेट, खिड़कियों के शीशे, बेंच और दरवाजे तोड़ दिए. रेलवे स्टेशन पर, जब विरोध प्रदर्शन के कारण ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई और बड़ी संख्या में यात्रियों को असुविधा हुई, तो पुलिस कर्मियों और अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आंदोलन समाप्त करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन बहुत मुश्किल से स्थिति पर काबू पाया जा सका.
स्कूल में यौन शोषण पर लोगों के आक्रोश के बीच, महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा था कि स्कूलों में ‘विशाखा समितियां’ बनाई जाएंगी. यदि स्कूल परिसर में लगे CCTV कैमरे काम नहीं करते पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐतिहासिक ‘विशाखा’ फैसले में सुप्रीम कोर्ट के के अनुसार कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए आंतरिक समितियों का गठन अनिवार्य है.
उन्होंने कहा था, “स्कूल स्तर पर विशाखा समितियां बनाई जाएंगी. ये समितियां छात्राओं, खासकर 9वीं, 10वीं और जूनियर कॉलेज की छात्राओं को अपनी शिकायतें उठाने के लिए एक मंच प्रदान करेंगी. पहले से ही एक सरकारी प्रस्ताव है जिसमें अनिवार्य किया गया है कि स्कूलों में CCTV कैमरे होने चाहिए, लेकिन बदलापुर के जिस स्कूल में बच्चियों के साथ यौन शोषण हुआ, वहां सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे.