बहराइच के कतर्नियाघाट रेंज के सदर बीट से निकली गेरूआ नदी में शनिवार को एक बाघ का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. सूचना के बाद मौके पर पहुंचे डीएफओ ने शव निकलवा कर रेंज कार्यालय पहुंचवाया. जहां तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया. इसके बाद बाघ शव को रेंज कार्यालय परिसर में ही जला दिया गया.
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्नियाघाट रेंज के सदर बीट के कक्ष संख्या चार से गुजरने वाली गेरूआ नदी में बाघ मृत मिला. डीएफओ बी शिव शंकर ने बताया कि शनिवार सुबह 10 बजे वन कर्मी नियमित पेट्रोलिंग कर रहे थे. तभी गेरूआ नदी में बाघ का शव देखा.
उन्होंने बताया कि बाघ के शव को नदी से बाहर निकाला गया. इसके बाद उसे रेंज कार्यालय लाया गया. बाघ के शव का तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया. डीएफओ ने बताया कि बाघ के आंख, नाखून और कैनाइन सुरक्षित हैं. ऐसे में मौत स्वाभाविक लग रही है.
हालांकि विसरा सुरक्षित कर जांच के लिए बरेली के इज्जतनगर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान भेजा गया है. जबकि बाघ के शव को रेंज कार्यालय परिसर में शाम चार बजे दफना दिया गया है. बाघ के मौत की जानकारी होने पर दुधवा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर डॉक्टर एच राजा ने सघन गश्त के निर्देश दिए हैं. बाघ की मौत से वन्य जीव प्रेमियों में दुख की लहर दौड़ गई.