बहराइच: नेपाल में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध मंगलवार को बहराइच से सटे नेपालगंज तक पहुंच गया. हालात इतने बिगड़ गए कि नेपालगंज प्रशासन को भीड़ काबू करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी. तनाव के चलते भारत-नेपाल सीमा को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया है. सीमा पर आम आवाजाही पूरी तरह ठप है और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं.
सुबह से ही नेपालगंज के धंबोजी चौक, बीपी चौक और नगरपालिका कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में युवा जमा हो गए. हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने नेपाल सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और सोशल मीडिया पर से प्रतिबंध हटाने की मांग उठाई. देखते ही देखते प्रदर्शन उग्र हो गया.
सुरक्षा बलों के रोकने की कोशिश पर टकराव बढ़ गया. सेना और एपीएफ (सशस्त्र पुलिस बल) ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग की, जिसके बाद युवाओं ने सड़क पर टायर जलाकर माहौल और गरमा दिया. देर शाम तक नेपालगंज की सड़कें सुरक्षा बलों और युवाओं की झड़प का अखाड़ा बनी रहीं. कई लोगों के हताहत होने की खबर है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.
भारतीय सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी
नेपालगंज में बवाल बढ़ते ही सीमा पर तैनात एसएसबी और स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया. पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि हर आने-जाने वाले की सघन तलाशी हुई. इसके बाद नेपालगंज में बिगड़े हालात को देखते हुए सीमा को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया और सीमावर्ती इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है.
बहराइच के एसपी रामनयन सिंह ने बताया कि नेपाल की स्थिति को देखते हुए सीमावर्ती थाने रुपईडीहा, सुजौली, मोतीपुर और नवाबगंज को अलर्ट पर रखा गया है. लगातार निगरानी की जा रही है ताकि नेपाल में उपजी स्थिति का असर भारतीय सीमा तक न फैले.
अपनों की चिंता सताने लगी
नेपालगंज में जारी हिंसक प्रदर्शनों की खबरें सीमावर्ती भारतीय परिवारों की चिंता बढ़ा रही हैं. रुपईडीहा निवासी अनिल कुमार, लक्ष्मीचंद और विजय कुमार ने कहा कि उनके रिश्तेदार नेपाल में रहते हैं. हालात बिगड़ने के बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. जब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी, तब तक अपनों की सुरक्षा की चिंता बनी रहेगी.