उत्तर प्रदेश: बहराइच जेल के रुपईडीहा थाना क्षेत्र के ग्राम देवरा निवासी एक महिला ने उसके बेटे की आकस्मिक मौत पर मिले मुआवजे की राशि में धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया है. पीड़िता रमकला का कहना है कि तालाब में डूबने से उसके पुत्र की मृत्यु हो गई थी, जिस पर उसे 4 लाख रुपये का सरकारी मुआवजा मिला था. यह धनराशि उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, चरदा शाखा में उनके खाते में जमा की गई थी.
आरोप है कि हरवंशपुर देवरा के शिवराज पुत्र संतराम और गांव के पूर्व प्रधान शिवकुमार पुत्र चेतराम ने धोखे से रमकला को बैंक ले जाकर उनके खाते से एक लाख रुपये शिवराज के खाते में ट्रांसफर करवा लिए.
इसके बाद उक्त रकम शिवकुमार के खाते में स्थानांतरित कर ली गई. जब रमकला को इस पूरे प्रकरण की जानकारी हुई तो उसने पैसे लौटाने की मांग की. जिस पर शिवकुमार ने न केवल पैसे देने से इनकार कर दिया, बल्कि कथित तौर पर जातिसूचक गालियां भी दीं और धमकी दी. पीड़िता का कहना है कि उसने गांव में कई लोगों से शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. अंततः उसने रुपईडीहा थाने में तहरीर दी और आरोपियों पर कार्रवाई कर अपनी रकम वापस दिलाने की मांग की है.
इस मामले में जब आरोपित पक्ष शिवकुमार वर्मा से बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया. उनका कहना है कि रमकला ने स्वयं अपने भतीजे शिवराज को एक लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. उन्होंने यह भी कहा कि जब उनका बेटा जेल में था तो रमकला ने रुपये उधार लिए गए थे और उसी की अदायगी के तहत यह लेन-देन हुआ है.
इस संबंध में थाना प्रभारी रूपईडीहा रमेश सिंह रावत ने बताया कि मामले में उन्हें प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है. जांच में यह सामने आया कि पीड़िता के खाते से राशि सीधे उसके भतीजे के खाते में ट्रांसफर हुई है, जबकि प्रार्थना पत्र में पूर्व प्रधान पर आरोप लगाए गए हैं. थाना प्रभारी ने कहा कि यदि महिला उस व्यक्ति के खिलाफ अलग से तहरीर देती हैं, जिसके खाते में पैसा गया है तो पुलिस कार्यवाही करने के लिए तैयार है.