बहुती जलप्रपात: पर्यटन स्थल नहीं, मौत का रहस्यमयी अड्डा! तीन शव, एक लापता युवक, निष्क्रिय प्रशासन—कब जागेगा सिस्टम?

मऊगंज/ नईगढ़ी : बहुती जलप्रपात एक बार फिर सनसनीखेज खबरों का केंद्र बन गया है.प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध यह जलप्रपात अब “मौत का अड्डा” बनता जा रहा है। बीते दिनों यहां से एक युवक के आत्महत्या की खबर आई, जिसके बाद जब परिजनों ने खुद नीचे उतरकर खोजबीन की, तो दो और रहस्यजनक शव बरामद हुए—एक अर्धनग्न युवती का और दूसरा पूरी तरह सड़ चुका नरकंकाल.

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चौंकाने वाली बात यह है कि युवक शैलेन्द्र पाण्डेय के सुसाइड नोट और चप्पलें घटनास्थल पर तीन दिन तक पड़ी रहीं, पर पुलिस ने उन्हें जब्त करने की ज़रूरत तक नहीं समझी. परिजनों का आरोप है कि यदि पुलिस और प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो शायद उनके बेटे की जान बच सकती थी.

 

शैलेन्द्र मानसिक रूप से अस्वस्थ था और उसने अपने नोट में लिखा था, “जय श्रीराम, मैं अपनी मर्जी से जा रहा हूँ, हमारा सफर यही तक था.” पर यह संदेश भी प्रशासन को गंभीर नहीं लगा.

बहुती जलप्रपात मऊगंज जिले का सबसे गहरा और खतरनाक जलप्रपात माना जाता है, बावजूद इसके यहां सुरक्षा के नाम पर न बैरिकेडिंग है, न चेतावनी बोर्ड, और न कोई सुरक्षा गार्ड. यह लापरवाही अब जानलेवा बनती जा रही है.

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